उत्तराखंड में भगवान शिव जी के मंदिर. Uttarakhand shiva temple

Uttarakhand shiva temple

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका देवभूमि उत्तराखंड के आज के नए ब्लॉग में आज हम बात करने वाले हैं उत्तराखंड में स्थित भगवान शिव जी के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में ( Uttarakhand shiva temple) । दोस्तों जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि देव हमें उत्तराखंड प्राचीन काल से ही देवों की भूमि रही है और यहां के कर्ण कर्ण में देवी देवताओं का निवास माना जाता है। आज के इस लेख में हम बात करने वाले हैं उत्तराखंड में स्थित भगवान शिव जी के मन्दिरों के बारे में। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आएगा इसलिए इस लेख के अंत तक जरूर पढ़ना। हमें टिप्पणी के माध्यम से जरूर बताना कि आपके आसपास कौन-कौन से भगवान भोलेनाथ को समर्पित मन्दिर है।

Madhyamaheshwar Temple
नामस्थान
बिनसर महादेवरानीखेत के निकट
अगस्तेश्वर महादेवअगस्त्यमुनि
बैजनाथकौसानी से 16 किमी
बाघबाथबागेश्वर
बालेश्वर मंदिरचम्पावत
कल्पेश्वरकल्पनाथ
जागेश्वर ज्योतिर्लिंगजागेश्वर
द्वाराहाट मंदिर समूहद्वाराहाट
बूढ़ा केदारमहासर ताल के निकट
ताड़केश्वरलैंसडाउन
कमलेश्वर महादेवश्रीनगर गढ़वाल
मदमहेश्वररूद्रप्रयाग
क्रान्तेश्वर महादेवचम्पावत की पूर्व दिशा में
कोटेश्वर महादेवरुद्रप्रयाग से 3 किमी
केदारनाथरूद्रप्रयाग
कपिलेश्वर महादेवपिथौरागढ से 3 किमी
कल्पेश्वरकल्पनाथ चमोली
तुंगनाथउखीमठ से 20 किमी
नीलकण्ठ महादेवलक्ष्मण झूला से 22 किमी
ओंकारेश्वरऊखीमठ
पंचेश्वरलोहाघाट से 37 किमी
कमलेश्वर महादेवजरमोला से 2 किमी
क्यूंकालेश्वरपौड़ी
पाताल भुवनेश्वरगंगोलीहाट से 13 किमी
रामेश्वरघाट से 10 किमी
रूद्रनाथमण्डल से 17 किमी
सल्ट महादेवअल्मोड़ा
मुकेश्वरनैनीताल से 51 किमी
वृद्ध जागेश्वरबड़ा जागेश्वर
विश्वनाथ मंदिरउत्तरकाशी
विश्वनाथ मंदिरगुप्तकाशी
वीरणेश्वर (शिव) मंदिरबिनसर
त्रियुगी नारायणसोनप्रयाग से 14 किमी
जलमग्न शिवलिंगगंगोत्तरी
टपकेश्वर महादेवदेहरादून
सोमेश्वरकौसानी से 11 किमी

दोस्तों यह था हमारा आज का लेख। इसमें हमने आपको उत्तराखंड में स्थित भगवान शिव जी के मन्दिर ( Uttarakhand shiva temple ) के बारे में जानकारी दी आशा करते हैं कि आपको उत्तराखंड में स्थित भगवान शिव जी के मन्दिरों के बारे में जानकारी मिल गई होगी। आपको यह लेख कैसा लगा हमें टिप्पणी के माध्यम से जरूर बताएं और उत्तराखंड से संबंधित ऐसे ही जानकारी युक्त लेख पाने के लिए देवभूमि उत्तराखंड को जरूर फॉलो करें।

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