कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड. Kartik Swami Temple Uttarakhand

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हेलो दोस्तों स्वागत है आपका देवभूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में। आज के इस लेख के माध्यम से हम आप लोगों को उत्तराखंड का प्रसिद्ध मंदिर कार्तिक स्वामी मंदिर के बारे में ( Kartik Swami Temple) जानकारी देने वाले हैं। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि देवभूमि उत्तराखंड प्राचीन काल से ही दिव्य आत्माओं का निवास रही है। सभी धार्मिक स्थल अपने ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं के लिए पहचाने जाते हैं। उन्हें दिव्या स्थलों में से एक है कार्तिक स्वामी का मंदिर जो कि उत्तराखंड की रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। जब आपको कार्तिक स्वामी मंदिर के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना।

कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड. Kartik Swami Temple Uttarakhand

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित कार्तिक स्वामी मंदिर ( Kartik Swami Temple)कनक चोरी से 3 किलोमीटर की दूरी पर क्रोंच पर्वत के शिखर पर बना हुआ है। भगवान कार्तिकेय को समर्पित यह मंदिर उत्तराखंड में स्थित ( kartik bhagwan ) भगवान कार्तिकेय का मात्र मन्दिर है जिसके दर्शन करने के लिए पूरे वर्ष पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।

देवभूमि उत्तराखंड के कर्ण कर्ण में भगवान विराजते हैं। देवभूमि उत्तराखंड में भगवान भोलेनाथ का के मंदिरों का स्थान सर्वोच्च रहा है। यह भगवान भोलेनाथ के पुत्र कार्तिकेय का एकमात्र मंदिर है जो कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। समुद्र तल से लगभग 3048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित स्वामी का मंदिर उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।

कार्तिक स्वामी मंदिर की कहानी. Story of Kartik Swami Temple

दोस्तों कार्तिक स्वामी मंदिर के पीछे की कहानी के बारे में लोगों का मानना है कि एक बार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सभी देवताओं में एक प्रतियोगिता हुई थी जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि जो भी देवता पूरी सृष्टि का चक्कर लगाकर भगवान शिव के पास आएंगे वह देवता भगवान शिव का प्रिया होंगे। प्रथम पूजनीय का अधिकार प्राप्त होगा।

उसके बाद सभी देवताओं में दौड़ लग गई और सभी अपने वाहनों के माध्यम से सृष्टि की परिक्रमा करने चले गए। लेकिन सब में से एक भगवान शिव जी के पुत्र ( kartikeya bhagwan) कार्तिकेय ने भगवान शिव जी और माता पार्वती की परिक्रमा की। जब उनसे पूछा गया कि यह आप ने क्यों किया , तो उन्होंने बताया कि मेरे लिए आप ही पूरी सृष्टि हो। इस बात से सभी देवता बड़े प्रसन्न हुए और उन्हें प्रथम पूजनीय का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।

यह समाचार जब देव ऋषि नारद के पास पहुंची तो उन्होंने कैलाश पर्वत पहुंचकर माता पार्वती को अपने शरीर का मांस और पिता से को अपने शरीर की हड्डियां समर्पित कर क्रोंच पर्वत पर ध्यान में बैठ गए। इसीलिए इस मंदिर का नाम कार्तिकेय के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

Kartik Swami Temple Uttarakhand

कार्तिक स्वामी मंदिर के अनसुनी बातें. Unheard things about Kartik Swami Temple

तो आपको बताना चाहेंगे कि कार्तिक स्वामी मंदिर के बारे में लोगों की कुछ कहा सुनी एवं अनीसुनी बातें भी है जो की कार्तिक स्वामी मंदिर के बारे में जानने वाले लोगों को बड़े ही प्रश्न में डालते हैं। स्वामी मंदिर के बारे में बताया जाता है कि जहां भगवान शिव जी के जेष्ठ पुत्र और देवताओं के सेनापति ने समाधि ली थी उनके शरीर के कंकाल आज के समय में भी इस मंदिर में उपस्थित है। और भगवान काट के आज भी इस मंदिर में विराजमान है। दोस्तों यह बात आपको कैसी लगी हमें टिप्पणी के माध्यम से जरूर बताएं।

कार्तिक स्वामी मंदिर कैसे पहुंचे. How to reach Kartik Swami Temple

दोस्तों यदि आप भी कार्तिक स्वामी मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो आपको बताना चाहेंगे कि कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंचने के लिए आप सड़क मार्ग और वायु मार्ग के अलावा रेल मार्ग के माध्यम से भी कार्तिक स्वामी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।

मार्ग से कार्तिक स्वामी मंदिर – रुद्रप्रयाग पूरी तरह से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है आप अपने नजदीकी शहर एवं कस्बे से बस और टैक्सी के माध्यम से भी रुद्रप्रयाग तक यात्रा कर सकते हैं और यहां से पहाड़ की चढ़ाई चढ़ने के बाद कार्तिक स्वामी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।

रेल मार्ग से कार्तिक स्वामी मंदिर – दोस्तों रेल मार्ग के माध्यम से कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंचना चाहते हैं तो आपको बताना चाहेंगे कि कार्तिक स्वामी मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून में स्थित है यहां से आप बस एवं टैक्सी के माध्यम से रुद्रप्रयाग तक यात्रा कर सकते हैं।

वायु मार्ग से कार्तिक स्वामी मंदिर – वायु मार्ग के माध्यम से भी कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंचना काफी आसान है मंदिर का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। यहां से बस एवं टैक्सी के माध्यम से आप लोग कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंच सकते हैं। देहरादून रुद्रप्रयाग के लिए काफी बसे एवं टैक्सियां लगी रहती हैं।

दोस्तों यह था हमारा आज के लेख जिसमें हमने आपको उत्तराखंड का प्रसिद्ध कार्तिक स्वामी मंदिर के बारे में जानकारी दी। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। आपको यह लिख कैसा लगा हमें टिप्पणी के माध्यम से जरूर बताएं और उत्तराखंड से संबंधित ऐसे ही जानकारी युक्त लेख पाने के लिए आपके भूमि उत्तराखंड को जरूर फॉलो करें।

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