डाट काली मंदिर देहरादून. Daat Kali Mandir Dehradun

Daat Kali Mandir Dehradun.

नमस्ते दोस्तों जय देव भूमि उत्तराखंड स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज के इस लेख में। आज हम आपको उत्तराखंड का प्रसिद्ध मंदिर डाट काली मंदिर के बारे में (Daat Kali Mandir Dehradun)जानकारी देने वाले हैं। देवभूमि उत्तराखंड संपूर्ण आकर्षक का केंद्र है यहां पर प्राकृतिक सौंदर्य के साथ धार्मिक स्थलों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के प्राचीन मंदिर है जो कि अपनी दिव्य शक्तियों एवं पौराणिक महत्व के लिए पूरे देश भर में मशहूर है। उन्हीं प्रमुख मंदिरों में डाट काली मंदिर जोकि उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। चलिए आज इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में जानते हैं।

डाट काली मंदिर देहरादून. Daat Kali Mandir Dehradun

डाट काली मंदिर भारत के प्राचीन एवं प्रमुख मंदिरों में से एक है जो कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित है। प्रमुख हिंदुओं का एक मंदिर है जोकि अपने पौराणिक महत्व के साथ साथ ऐतिहासिक महत्व को संजोया हुआ है। देहरादून नगर से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह है पवित्र मंदिर मां काली को समर्पित है। समानता है इस मंदिर को मां काली का मंदिर भी कहा जाता है। मंदिर के बारे में एक प्रसिद्ध तथ्य यह है कि यह मुख्य सिद्ध पीठों में से एक है।

डाट काली मंदिर का निर्माण लगभग 13 जून 1804 का माना जाता है। मां डाट काली को देवी सती का अंश माना जाता है जो कि भगवान शिव जी की पत्नी थी। मंदिर के निर्माण विषय में कहा जाता है कि जब इस मंदिर का निर्माण किया जा रहा था तब मां काली अभियंता के सपनों में आए थे और उन्होंने दिव्य मंदिर की स्थापना के लिए कहां और महंत सुखबीर गुसेन को माता की मूर्ति प्रदान की।

किवदंती यह भी है कि अंग्रेजों द्वारा दून की घाटी में प्रवेश के लिए सुरंग बनाने का काम शुरू किया गया। तमाम कोशिशों के चलते हुए भी वह काम अपने चरम अवस्था पर नहीं पहुंच पाया। क्योंकि यह पवित्र स्थान मां काली (Daat Kali Mandir Dehradun)को समर्पित था। मां डाट काली मंदिर के समीप भद्रकाली मंदिर स्थित है। जहां पर दर्शनार्थी दर्शन के लिए आया करते हैं।
स्थानीय लोगों की मान्यता है कि मां डाट काली का शेर जिनके पैर में सोने का कड़ा होता है। मैं आज भी शिवालिक पर्वत श्रेणी में घूमते हैं।

मां डाट काली मंदिर से जुड़े प्रमुख तथ्य. Daat Kali Mandir Dehradun

पवित्र मंदिर मां डाट काली के बारे में बताया जाता है कि मंदिर में एक दिव्य ज्योति है जो कि 1921 से लगाकर जल्दी आ रही है।

स्थानीय मान्यता है कि जब भी कोई नए वाहन खरीदते हैं तो वहां मां डाट काली के मंदिर में जरूर पूजा करते हैं।

मंदिर के बारे में एक प्रमुख विशेषता यह भी मानी जाती है कि जो भी वक्त यहां पर सच्चे मन से कामना करते हैं मां काली उनकी मनोकामना जरूर करती है।

वैसे तो इस मंदिर में श्रद्धालु आते रहते हैं लेकिन खासतौर पर नवरात्रि के समय दिव्य मंदिर में हजारों की संख्या में भक्तों का आवागमन लगा रहता है।

मान्यता है कि मंगलवार से 11 दिन तक किया गया डाट चालीसा पाठ बड़े-बड़े कष्टों को भी हार लेता है

मां डाट काली मंदिर खुलने का समय. Daat Kali Mandir Dehradun Khulne Ka Samay

प्रसिद्ध मां डाट काली का यह पवित्र मंदिर दर्शनार्थियों के लिए सुबह 5:00 बजे से लेकर 9:00 बजे तक खुला रहता है। इसी बीच सभी दर्शनार्थी दर्शन के लिए आते हैं और पूजा पाठ करके मां डाट काली से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। बताना चाहेंगे कि इस मंदिर में फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है। इसलिए यदि आप मंदिर में दर्शन करने के लिए जाओ तो फोटोग्राफी जैसी गतिविधियों से दूर रहें।

मां डाट काली मंदिर कैसे पहुंचे. Daat Kali Mandir Dehradun kese pahuchen

मां डाट काली मंदिर देहरादून से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जोकि NH-72A के अंतर्गत आता है। देहरादून से मंदिर तक आने के लिए आप प्राइवेट टैक्सी एवं बस के माध्यम से भी आ सकते हैं।

देहरादून तक आप सड़क मार्ग के साथ-साथ रेल मार्ग एवं वायु मार्ग के द्वारा भी पहुंच सकते हैं ‌ देश की राजधानी दिल्ली से देहरादून की दूरी मात्र 250 किलोमीटर है। दिल्ली के साथ-साथ अन्य प्रसिद्ध शहरों से देहरादून के लिए बस सेवा नियमित रूप से चलती रहती है।

मां डाट काली का नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून है जो कि यहां से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप चाहे तो देहरादून रेलवे स्टेशन से ऑटो एवं प्राइवेट टैक्सी के माध्यम से भी आ सकते हैं। जबकि मां डाट काली मंदिर का नजदीकी एयरपोर्ट जौलीग्रांट है जहां से मंदिर की दूरी मात्र 10 किलोमीटर है। जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से आप बस एवं स्थानीय पक्षियों के माध्यम से भी आ सकते हैं ‌ ।

दोस्तों यह तो हमारा आजकल एक जिसमें हमने आपको मां डाट काली के पवित्र मंदिर के बारे में जानकारी दी। आशा करते हैं कि देवभूमि उत्तराखंड का आपको यह लेख पसंद आया होगा। यदि आपको यह नहीं पसंद आया है तो अपने परिवार एवं दोस्तों के साथ जरूर साझा करें।

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