छोटा कैलाश धाम उत्तराखंड. Chota Kailash Dhaam Mandir

Chhota-Kailash-Dham-Uttarakhand

नमस्ते दोस्तों स्वागत है आपका देव भूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में। आज के इस लेख के माध्यम से हम आप लोगों के साथ छोटा कैलाश धाम के बारे में जानकारी साझा करने वाले हैं। देवभूमि उत्तराखंड में अनेकों तीर्थ स्थल ऐसे हैं जो कि अपनी पौराणिक शक्तियों एवं स्थानीय मान्यताओं के लिए पहचानी जाती है। आज के समय में भी उन तीर्थ स्थलों के प्रति लोगों का अटूट विश्वास देखने को मिलता है। उन्हीं पवित्र धामों में से एक है छोटा कैलाश धाम। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको छोटा कैलाश धाम के बारे में छोटा कैलाश धाम के इतिहास और इसके बारे में जानकारी साझा करने वाले हैं। दोस्तों ऐसा कहते हैं कि आपको हमारा यह देख जरूर पसंद आएगा। इसलिए इसे अंदर जरूर पढ़ना।

छोटा कैलाश धाम उत्तराखंड. Chota Kailash Dhaam Mandir

छोटा कैलाश धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भीमताल ब्लॉक में पिनरों गांव की एक छोटी सी चोटी में स्थित है। हल्द्वानी से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित छोटा कैलाश धाम मंदिर अपनी भव्य वास्तु कला एवं शिल्प कला के लिए भी पहचाना जाता है।

छोटा कैलाश धाम मंदिर किस पहाड़ी पर स्थित है वह आसपास के सभी ऊंचे पर्वतों में से एक है। इसलिए इसके आसपास कभी काफी खूबसूरत एवं मनमोहक लगता है जिसके कारण यहां पर पूरे वर्ष भर में हजारों की तादाद में श्रद्धालु आया करते हैं।

छोटा कैलाश धाम पहुंचने का पैदल रास्ता काफी शांत वातावरण और सुंदर वादियों के बीच से होते हुए हैं। कैलाश धाम मंदिर के रास्ते में कई छोटे-बड़े घर दिखाई देते हैं जो कि स्थानीय वास्तुकला से निर्मित होते हैं और बेहद खूबसूरत लगते हैं।

छोटा कैलाश धाम की मान्यताएं. Chota Kailash Dhaam Ki Manytayen

प्यारे दोस्तों जिस तरह से छोटा कैलाश धाम अपने अलौकिक शक्तियों के लिए पहचाना जाता है ठीक उसी तरह से छोटा कैलाश धाम की मान्यताएं भी अपने आप में खास महत्व रखती है। छोटा कैलाश धाम के बारे में मान्यता है कि सतयुग में भगवान भोलेनाथ एक बार यहां आए थे और उन्होंने अपने हिमालय भ्रमण के दौरान भगवान शिव जी एवं मां पार्वती जी ने इसी पर्वत पर विश्राम किया था। और भगवान भोलेनाथ में छोटा कैलाश धाम पर ही धुन रमाई थी। तभी से यहां अखंड धूनी जुलाई जाती है।

छोटा कैलाश धाम की मान्यता है कि यहां पर स्थित शिवलिंग के दर्शन जो कोई भी भक्त करता है भगवान शिवजी उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं। किवदंती है कि भक्तों की मन्नत पूरी होने पर इस मंदिर में घंटी और चांदी का छत्र चलाते हैं।

Chota Kailash Dhaam Ki Manytayen

छोटा कैलाश धाम की दूसरी मान्यता यह भी है कि त्रेता युग में भगवान शिव जी ने राम और लक्ष्मण के बीच हुए युद्ध को इसी पर्वत से देखा था।

जब भगवान शिव जी ने ही छोटे कैलाश धाम में वास किया था तो उन्होंने अपने दिव्य शक्तियों से यहां पर एक कुंड का निर्माण किया जिसे पार्वती कुंड कहा जाता है। मान्यता यह भी है कि बाद में इस पवित्र कुंड को किसी व्यक्ति ने अपवित्र कर दिया था तो वह कुंड सो गया था और उस में बहने वाली तीन सतत जलधाराएं विभक्त होकर पहाड़ी के तीन कोणों प्थम गई थी।

छोटा कैलाश धाम शिवरात्रि का भव्य मेला. Chota Kailash Dhaam Mela

भगवान शिव जी का वास स्थान छोटा कैलाश धाम। वैसे तो श्रद्धालुओं के लिए हमेशा ही खास रहता है लेकिन खास तौर पर शिवरात्रि के दिन यहां पर एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु पधार कर मेले का आनंद लिया करते हैं।

मेले में स्थानीय लोगों के द्वारा बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जाता है। साथ ही दूर-दूर से श्रद्धालु छोटा कैलाश धाम में शिवरात्रि के पावन अवसर पर आया करते हैं। मान्यता है कि चोटा कैलाश धाम के प्रति श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास रहता है इसलिए भगवान भोलेनाथ यहां आए श्रद्धालुओं की मनोकामना जरूर पूरी करते हैं।

Chota Kailash Dhaam Mela

दोस्तों यह था हमारा आज का लेख। जिसमें हमने छोटा कैलाश धाम के बारे में जानकारी साझा की। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो अपने दोस्तों और अपने परिवार के साथ जरूर साझा करें। और यदि आप भी ऐसी ही अनमोल जानकारी हमारे पाठकों तक पहुंचाना चाहते हैं तो आप हमें गेस्ट पोस्ट के माध्यम से भी लिख सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क भी कर सकते हैं।

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