त्रिशूल पर्वत उत्तराखंड. Trishul Parwat Uttarakhand

Trishul Parwat Uttarakhand
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नमस्ते दोस्तों स्वागत है आपका देव भूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में। आज के इस लेख के माध्यम से हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड का त्रिशूल पर्वत के बारे में (Trishul Parwat Uttarakhand)जानकारी साझा करने वाले हैं। देवभूमि उत्तराखंड में विभिन्न प्रकार के धार्मिक और पवित्र स्थल है जो कि अपने इतिहास और पौराणिक कहानियों को अपने में समेटे हुए हैं। इन पर्वतों का उत्तराखंड के इतिहास और उत्तराखंड के जनजीवन में काफी महत्व माना जाता है। उन्हीं स्थानों में से एक है त्रिशूल पर्वत उत्तराखंड जोकि उत्तराखंड के पवित्र स्थलों में से एक है। आज हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड का त्रिशूल पर्वत के बारे में जानकारी देने वाले हैं। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आएगा इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना।

त्रिशूल पर्वत उत्तराखंड.Trishul Parwat Uttarakhand

भारत के उत्तराखंड राज्य में समुद्र तल से 23490 फीट की ऊंचाई पर स्थित त्रिशूल पर्वत हिमालय की तीन चोटियों का एक समूह है। तीन शिखरों का समूह होने के कारण है इस पर्वत का नाम त्रिशूल पर्वत रखा गया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव जी के अस्त्र त्रिशूल के नाम से ही इस पर्वत का नाम त्रिशूल पर्वत रखा गया।

त्रिशूल पर्वत के 3 शिखरों में से सबसे पहला शिखर 7120 मीटर जबकि दूसरा शिखर है 6690 और तीसरा शिखर 6007 मीटर ऊंचा है। यह पर्वत पूरे वर्ष भर बर्फ से ढका रहता है इसलिए यह पवित्र होने के साथ-साथ यात्रा का एक वैकल्पिक स्थल भी है।

त्रिशूल पर्वत का फतह सबसे पहले 1960 में ब्रिटिश पर्वतारोही ने किया था। इससे पहले भी कई लोगों ने त्रिशूल पर्वत में करने का प्रयास किया लेकिन वह असफल रहे। किवदंती है कि कोई भी पर्वत रोही इस पर्वत के शिखर पर नहीं चढ़ता क्योंकि इसे पवित्र माना जाता है।

त्रिशूल पर्वत के नीचे एक बेहद खूबसूरत रहस्यमई झील स्थित है जिसका नाम रूपकुंड हैं। रूपकुंड झील मनुष्य और घोड़ों के 600 से अधिक कंकाल पाए जाने के कारण प्रसिद्ध हुआ। इसके निकटवर्ती पर्यटन स्थलों में कौसानी और बेदनी बुग्याल भी स्थित है।

त्रिशूल पर्वत कैसे पहुंचे. Trishul Parwat Kese Pahuche

प्यारे पाठको हो यदि आप भी घूमने के शौकीन हैं और त्रिशूल पर्वत के दर्शन करना चाहते हैं तो त्रिशूल पर्वत पहुंचने के लिए सड़क मार्ग सबसे अच्छा विकल्प है। लेकिन त्रिशूल पर्वत की चढ़ाई चढ़ने के लिए कोई भी साधन उपलब्ध नहीं है। ट्रेकिंग के माध्यम से ही आप अपने इस खूबसूरत से सफर को हसीन बना सकते हैं।

त्रिशूल पर्वत का नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार एवं ऋषिकेश हैं इसके अलावा यदि बात की जाए नजदीकी हवाई अड्डे की तो देहरादून त्रिशूल पर्वत का नजदीकी हवाई अड्डा है। इन स्थानों से आप त्रिशूल पर्वत के दर्शन ट्रेकिंग के माध्यम से और अपने दोस्तों के साथ कर सकते हैं।

दोस्तों यह तो हमारा आज का लेख जिसमें हमने आपको त्रिशूल पर्वत के बारे में जानकारी दें। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें। आप अपने विचार हमें कमेंट के माध्यम से भी भेज सकते हैं।

त्रिशूल पर्वत उत्तराखंड F&Q

Q – त्रिशूल पर्वत की ऊंचाई

Ans – भारत के उत्तराखंड राज्य में समुद्र तल से 23490 फीट की ऊंचाई पर स्थित त्रिशूल पर्वत हिमालय की तीन चोटियों का एक समूह है। त्रिशूल पर्वत को कौसानी और बेदनी बुग्याल से भी देखा जा सकता है।

Q – त्रिशूल पर्वत कहां है

Ans – त्रिशूल पर्वत भारत के पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। आस्था और धार्मिक महत्व होने के कारण यह पर्वत पवित्र माना जाता है। तीन शिखरों का समूह होने के कारण इसका नाम त्रिशूल पर्वत रखा गया।

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