बिच्छू घास का मधुमेह में उपयोग. Bicchu Ghas Ka Madhumey Me Use

Bicchu Ghas Ka Madhumey Me Use

नमस्ते दोस्तों स्वागत है आपका देव भूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में। आज के इस लेख के माध्यम से हम आप लोगों के साथ बिच्छू घास का मधुमेह में उपयोग के बारे में जानकारी देने वाले हैं। देवभूमि उत्तराखंड में पाया जाने वाला बिच्छू घास औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में इसका विभिन्न प्रकार के उपचार एवं औषधियां बनाने में उपयोग किया जाता है। आज हम आपको बिच्छू घास का मधुमेह में उपयोग के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आएगा इसलिए इसे अंत तक जरूर पढ़ना।

बिच्छू घास के बारे में. Bicchu Ghass Ke Baren Me

उत्तराखंड एवं अन्य पर्वतीय इलाकों में पाए जाने वाला बिच्छू घास वर्ष भर में हरा भरा लगने वाला एक औषधीय पौधा है जोकि उत्तराखंड में बहुतायत मात्रा में पाया जाता है। उत्तराखंड के कुछ भागों में इसे सियून नाम से जाना जाता है जबकि अन्य भागों में ऐसे कंडेली के नाम से भी जाना जाता है। बिच्छू घास का वैज्ञानिक नाम Urtica Dioica है ।

दिखने में यह पौधा हरा भरा होने के साथ-साथ इसके पत्तों एवं पूरे पेड़ पर छोटे से निकली धार कांटे होते हैं। जिन्हें छूने पर करंट का एहसास होता है। सामान्यतः बिच्छू घास का उपयोग आयुर्वेद में औषधि के रूप में किया जाता है। जबकि स्थानीय लोगों द्वारा इसे सब्जी बनाने के साथ-साथ अपने गाय एवं भैंस के लिए चारे के रूप में भी उपयोग किया जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि गाय एवं भैंस के दूध बढ़ाने में सहायता करते हैं।

बिच्छू घास का मधुमेह में उपयोग. Bicchu Ghas Ka Madhumey Me Use

बिच्छू घास में तमाम प्रकार के औषधीय तत्व पाए जाते हैं जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार के औषधीय बनाने के लिए भी किया जाता है। यदि कोई मधुमेह रोगी बिच्छू घास का उपयोग करते हैं तो वह अपने मधुमेह को संतुलन में कर सकते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर बिच्छू घास का मधुमेह में उपयोग करने के लिए बिच्छू बूटी का इस्तेमाल किया जाता है। बिच्छू बूटी का इस्तेमाल करके मधुमेह प्रकार 2 में ग्लाइसेमिका को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

बिच्छू घास का मधुमेह में उपयोग उपवास के दौरान भी कर सकते हैं। इसके अलावा बिच्छू घास का मधुमेह में उपयोग भोजन के बाद बिच्छू बूटी की चाय का सेवन करने से मधुमेहा बाप बाप होता है।
टाइप 2 मधुमेह रोगी के लिए नेटल लीफ का सेवन जरूर करना चाहिए।

बिच्छू घास का मधुमेह में उपयोग के अलावा इसे विभिन्न प्रकार की उपचारों में उपयोग किया जाता है। इस में पाए जाने वाले आयुर्वेदिक तत्व दिल की होने वाली बीमारियों के उपचार में लाभदायक है।

दोस्तों यह था हमारा आज का लेख जिसमें हमने आपको बिच्छू घास का मधुमेह में उपयोग के बारे में जानकारी दी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें । अपने विचार आप हमें कमेंट के माध्यम से भी भेज सकते हैं।

अस्वीकरण

प्यारे पाठको यह लेख केवल जानकारी एवं शैक्षणिक जानकारी के लिए साझा किया गया है। बिच्छु घास का उपयोग किसी भी प्रकार के उपचार में करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। देवभूमि उत्तराखंड आपको कभी भी किसी भी प्रकार की औषधि को अपनाने की सलाह नहीं देता है।

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