देवभूमि उत्तराखंड अपनी सांस्कृतिक विरासत एवं रीति-रिवाजों के लिए भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। उत्तराखंड को लोकपर्वों का शहर भी कहा जाता है। यहां पर प्रकृति के हर नए रूप धारण करने में एवं किसी भी ऐतिहासिक महत्व को संजोने के लिए लोक पर्व आयोजित किए जाते हैं। उन्हीं लोक पर्वों में से एक है मकर संक्रांति जोकि उत्तराखंड में बड़ी ही धूमधाम एवं आस्था भाव के साथ मनाया जाता है। देवभूमि उत्तराखंड के आज के इस लेख में हम आपको मकर संक्रांति उत्तराखंड ( Makar sankranti Uttarakhand) के बारे में जानकारी देने वाले हैं। मकर सक्रांति कब है और उत्तराखंड में मकर सक्रांति किस तरह से मनाई जाती है। आशा करते हैं कि आपको यह लेख जरूर पसंद आएगा इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना।
मकर संक्रांति उत्तराखंड. Makar sankranti Uttarakhand
मकर संक्रांति भारत के प्रमुख लोक पर्व में से एक है जो कि जनवरी माह में मनाया जाता है। मकर सक्रांति की पौराणिक महत्व के बारे में जाने तो पता चलता है कि भगवान सूर्य देव जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उनके इस राशि में प्रवेश करने के दौरान पर्व मनाया जाने का प्रचलन भारतीय सभ्यता में शुरुआत से ही रहा है। इसलिए हर वर्ष बड़ी ही धूमधाम एवं आस्था भाव के साथ मकर सक्रांति पर्व आयोजित किया जाता है। बताना चाहेंगे कि मकर सक्रांति न केवल भारत का हिंदू पर्व है बल्कि इसे नेपाल में भी मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के आधार पर माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन देव जी धरती पर अवतरित होते हैं। जिससे आत्मा को मोक्ष प्राप्त होती है अंधकार का नाश एवं प्रकाश का स्वागत होता है। इस तरह से मकर सक्रांति पर अपने ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के साथ पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है।
मकर संक्रांति कब मनाई जाती है. Makar Sankranti Kab Manai Jati Hai
मकर सक्रांति हिंदू धर्म का पवित्र त्योहारों में से एक है जो कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष जनवरी के 14 एवं 15 तारीख को मनाया जाता है। उत्तराखंड में इस पर्व को बड़ी ही धूमधाम से मनाए जाने का प्रचलन है। उत्तराखंड के कामों में इस पर्व को यानी कि मकर सक्रांति को घुघुतिया त्योहार के नाम से जाना जाता है। इस त्यौहार की अपने आप में एक खास विशेषता है कि इस पर्व को भारत के अलग-अलग राज्यों में अपनी संस्कृति के हिसाब से इस पर्व को मनाते हैं। भारत के राज्य तमिलनाडु में इसे पोंगल पर्व के रूप में मनाया जाता है जबकि पंजाब और हरियाणा में इसी लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है। मकर संक्रांति उत्तराखंड बड़े ही हर्ष और उल्लाश के साथ मनाया जाता है
मकर सक्रांति का वैज्ञानिक महत्व. Makar Sankrant Ka mahatw
जिस तरह से हर किसी पर्व के पीछे कोई ना कोई वैज्ञानिक एवं ऐतिहासिक महत्व जुड़ा होता है ठीक उसी तरह से मकर सक्रांति पर्व के पीछे भी वैज्ञानिक महत्व जुड़ा हुआ है। मकर सक्रांति का वैज्ञानिक महत्व के पीछे बताया जाता है कि मकर संक्रांति के दिन से दिन लंबे एवं रातें छोटी होने लगती है। मकर संक्रांति के दिन से हमारे पर्यावरण में बदलाव आ जाता है। नदियों में वाष्पन की क्रिया शुरू होने लगी है जिससे कि हमारे शरीर की कई सारी बीमारियां दूर होती है।
मकर संक्रांति उत्तराखंड में किस तरह मनाई जाती है . Makar sankranti Uttarakhand
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि मकर संक्रांति देश के कई राज्यों में अलग-अलग नामों से जानी जाती हैं और पर्व के मनाए जाने का तौर तरीका भी काफी अलग होता है। मकर संक्रांति उत्तराखंड में इस मुख्य पर्व मकर सक्रांति को घुघुतिया त्योहार के नाम से जाना जाता है। आज के दिन उत्तराखंड के सभी लोग अपने दिन की शुरुआत सुबह नहाने से करते हैं। घर की महिलाओं द्वारा रसवाडें को मोल मिट्टी की सहायता से लिपाई पुताई की जाती है। उसके बाद सभी लोगों द्वारा अपने घर के देवता स्वरूप देवी देवताओं की पूजा की जाती है। और दिन के भोजन में घुघुतिया बनाए जाते हैं। यह घुघुतिया आटे की सहायता से बनाए जाते हैं। जिसमें विभिन्न प्रकार की आकृतियों के माध्यम से घुघुतिया तैयार किए जाते हैं। इन सभी घुघुतिया को परिवार के छोटे बच्चों द्वारा कागा (कौवा) अपने हाथ के माध्यम से खिलाया जाता है। इस तरह से यह पर्व मकर संक्रांति उत्तराखंड में अपने ऐतिहासिक पहलू को संजोता है।
मकर सक्रांति F&Q
Ans – मकर संक्रांति 2023 को वर्ष के प्रथम माह यानी कि जनवरी के 14 एवं 15 तारीख को है जिसे सभी लोगो द्वार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
Ans – प्रसिद्ध पर्व मकर संक्रांति अपने आप में एक बहुत ही बड़ा महत्व है पूरे भारतवर्ष में आयोजित होने वाला यह पर्व कृषि से संबंध रखता है। भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए नई पसंद की तैयारी पर मकर संक्रांति मनाई जाती है। मानवीय जीवन में इसका वैज्ञानिक नाम आयुर्वेदिक महत्व देखने को मिलता है।
Ans – उत्तराखंड में प्रसिद्ध त्योहार मकर संक्रांति घुघुतिया त्योहार के नाम से जाना जाता है। इस दिन सभी लोग देवी देवताओं की पूजा करके उन्हें भोग लगाते हैं।
Ans – उत्तराखंड में मकर सक्रांति को ही घुघुतिया त्यौहार कहां जाता है। आज के दिन घुघुतिया बनाने का रीति रिवाज उत्तराखंड के इतिहास में सदियों से चली आ रही है।
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