शिव कालेश्वर मंदिर . Shiv Kaleshwar Mandir

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नमस्ते दोस्तों को जय देव भूमि उत्तराखंड स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज के नए लेख में। आज हम आप लोगों के साथ शिव कालेश्वर मंदिर उत्तराखंड के बारे में जानकारी साझा करने वाले हैं। जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि उत्तराखंड संपूर्ण आकर्षक का केंद्र है जहां पर मंदिर, धार्मिक स्थल एवं खूबसूरत पहाड़ियों के मंदिर में बसे गांव, शहर एवं कई ऐतिहासिक जगह देखने को मिल जाती है। उन्हीं जगहों में से एक है शिव कालेश्वर मंदिर (Shiv Kaleshwar Mandir )जोकि उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं। आज हम शिव कालेश्वर मंदिर का इतिहास एवं हिंदी के बारे में जानकारी देने वाले हैं।

शिव कालेश्वर मंदिर . Shiv Kaleshwar Mandir

शिव कालेश्वर मंदिर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के लैंसडाउन के पास स्थित एक बहुत ही खूबसूरत मंदिर है जो कि अपने पौराणिक इतिहास के लिए जाने जाते हैं। लैंसडाउन उन जगहों में से एक हैं ब्रिटिश शासन काल के दौरान हिल स्टेशन हुआ करते थे। और आज के समय में भी यह एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन हुआ करता है जहां पर हजारों की संख्या में पर्यटक आया करते हैं।
इसी स्थान पर स्थित है भगवान शिव का एक सदियों पुराना मंदिर जिसे कालेश्वर महादेव मंदिर लैंसडाउन (Shiv Kaleshwar Mahadev Temple) के नाम से जाना जाता है। संपूर्ण लैंसडाउन का आकर्षक एवं आस्था का केंद्र यह मंदिर वर्ष भर में हजारों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह जगह अपने ऐतिहासिक महत्व के साथ आज भी पौराणिक महत्व को जीवंत रखती है। वैसे तो इस मंदिर में श्रद्धालु रोज आया करते हैं लेकिन खासतौर पर शिवरात्रि के शुभ अवसर पर यहां पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु आया करते हैं। किवदंती है कि इस स्थान पर ऋषि कालून जी ने ध्यान किया था। जिनके नाम से यह मंदिर प्रसिद्ध हुआ। शिव कालेश्वर मंदिर भगवान शिव जी के भक्तों की प्रमुख जगह है। जहां हर कोई श्रद्धालु आना चाहता है।

शिव कालेश्वर मंदिर की मान्यता. Shiv Kaleshwar Mandir manyta

शिव कालेश्वर मंदिर की मान्यता है कि कालेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग स्वयंभू है। बताया जाता है कि इसके नजदीकी गांव की गाय जब यहां चलने आती थी तो शिवलिंग के पास आते ही वह स्वयं दूध देने लगती थी। मान्यता है कि उस समय में जो भी श्रद्धालु यहां पर जो भी मन्नत मांगते थे उनकी मनोकामना में बातचीत जी जरूर पूर्ण करते हैं। इसी आस्था एवं मान्यता को देखते हुए गढ़वाल रेजीमेंट में 1901 मैं यहां पर एक छोटा सा मंदिर का निर्माण किया। धीरे-धीरे यह मंदिर आस्था का केंद्र बनता गया और 1926 में भक्तों की सहायता से इस मंदिर को एक विशाल रूप दिया गया। हालांकि 1995 के समय में मंदिर को और अधिक बढ़ाया गया जिसमें रेजीमेंट के साथ-साथ स्थानीय लोगों का योगदान भी है। वाकई में यह पवित्र जगह आस्था एवं भक्ति का केंद्र हैं। चरते हुएं गाय का यहां पर आकर अपने आप दूध देना एवं ऋषि कलून के ध्यान करने से यह जगह आस्था का एक पवित्र केंद्र हैं।

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कालेश्वर महादेव कैसे पहुचें . Shiv Kaleshwar Kese Pahuchen

शिव कालेश्वर मंदिर उत्तराखंड (Shiv Kaleshwar Mahadev Temple)के पौड़ी गढ़वाल जिले के लैंसडाउन ब्लॉक में स्थित हैं यदि आप लोग वाकई में इस खूबसूरत एवं ऐतिहासिक जगह के दर्शन करना चाहते हैं तो हम आपको बताना चाहेंगे कि सिर्फ कालेश्वर महादेव मंदिर आने के लिए आप सड़क माध्यम एवं रेल मार्ग द्वारा भी आसानी से पहुंच सकते हैं हालांकि पहुंचने के लिए आप इस मंदिर में फ्लाइट के माध्यम से भी पहुंच सकते हैं लेकिन एयरपोर्ट दूर होने के कारण आपको यात्रा में परेशानी आ सकती है।

सड़क मार्ग से – शिव कालेश्वर मंदिर उत्तराखंड पहुंचने के लिए सबसे बढ़िया मार्ग सड़क मार्ग हैं यह जगह सड़क मार्ग से जुड़ी हुई है एवं आप देश के किसी भी कोने से यहां आराम से आ सकते हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से यह जगह मात्र लगभग 145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है साथ ही देश की राजधानी दिल्ली से यह जगह लगभग 320 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सड़क मार्ग के माध्यम से आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग द्वारा -शिव कालेश्वर मंदिर उत्तराखंड में रेल मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है। मंदिर लैंसडाउन में स्थित है एवं लैंसडाउन का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कोटद्वार में स्थित हैं । कोटद्वार से यह जगह मात्र 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां से आप किसी लोकल टैक्सी एवं बस के माध्यम से भी आ सकते हैं।

हवाई मार्ग द्वारा – शिव कालेश्वर मंदिर उत्तराखंड (Shiv Kaleshwar Mahadev Temple)में वायु मार्ग द्वारा पहुंचना एक मुश्किल भरा काम है क्योंकि यहां का नजदीकी एयरपोर्ट देहरादून में स्थित हैं जहां से यह जगह लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यदि आप फ्लाइट के माध्यम से लैंसडाउन की यात्रा करना चाहते हैं तो आप अपने नजदीकी एयरपोर्ट से फ्लाइट के माध्यम से देहरादून पहुंच सकते हैं और देहरादून से आप यहां किराए की टैक्सी एवं बस के माध्यम से आ सकते हैं।

दोस्तों यह तो हमारा आज का लेख शिव कालेश्वर मंदिर उत्तराखंड के बारे में आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। आपको यह आलेख कैसा लगा हमें कमेंट के माध्यम से बताएं और यदि आप भी किसी जानकारी युक्त लेख हम तक पहुंचाना चाहते हैं अपनी जानकारी साझा करना चाहते हैं तो आप भेज जख्म से संपर्क कर सकते हैं। आपका लेख हमारे लिए कीमती एवं जानकारी युक्त होगा। हम उसे अपने पाठकों के लिए जरूर प्रकाशित करेंगे। ऐसे ही जानकारी के लिए आप हमारे देवभूमि उत्तराखंड को जरुरु फॉलो करें , आज हमसे से व्हाट्सअप और फेसबुक के माद्यम से भी संपर्क कर सकते है

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