हेलो दोस्तों स्वागत है आपका देवभूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको उत्तराखंड का पारंपरिक अनाज कंगनी के बारे में जानकारी ( Priyangu Kangni in Hindi ) देने वाले हैं। देवभूमि उत्तराखंड में उत्पन्न सभी अनाज अपने पारंपरिक तौर पर काफी प्रसिद्ध है और कहीं ना कहीं यह अनाज अपने सांस्कृतिक महत्व को संजोए हुए हैं। उन्हीं अनाज में से एक है कंगनी जिसे उत्तराखंड में कोणी के नाम से भी जाना जाता है। आज के इस लेख में हम आपको कंगनी के पोषक तत्व एवं गिनी के कंगनी के बारे में जानकारी देने वाले हैं। उत्तराखंड का यह पारंपरिक अनाज वास्तव में अपने महत्व को सोया हुआ है। चलिए आज का लेख शुरू करते हैं आशा करते हैं दोस्तों कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आएगा इसलिए इसे अंत तक जरूर पढ़ना।
प्रियंगु कंगनी अनाज के बारे में. Priyangu Kangni Anaaj Uttarakhand
कंगनी उत्तराखंड की एक पारंपरिक फसल है। जिसे स्थानीय लोगों के माध्यम से कोणी के नाम से भी जाना जाता है। ( Priyangu Kangni in Hindi) हर फसल की भांति यह फसल भी अपने ऐतिहासिक महत्व को संजोया हुआ है। लेकिन आज के समय में उत्तराखंड की यह पारंपरिक फसल लगभग विलुप्त की ओर है। बढ़ते पलायन के कारण लोग उत्तराखंड से पलायन कर रहे हैं जिसके कारण पहाड़ी किसी पर काफी बुरा असर पड़ा है।
कंगनी फसल को सेटिरिया इटालिका (setiaria italica) इसका उत्पादन प्रतिवर्ष किया जाता है। यह पूर्वी एशिया में अधिक उगाई जाती है। इसका पौधा लगभग 7 फीट ऊंचा होता है। इसके छोटे से नन्हे से प्यारे प्यारे बीज होते हैं जिन पर बारीक छिलके होते हैं। उत्तराखंड के इस पारंपरिक अनाज का उपयोग घास के रूप में भी किया जाता है। पौष्टिक तत्वों से भरपूर कंगनी कई बीमारियों की रोकथाम का कार्य करती है इसके माध्यम से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाए जाते हैं। यह अनाज भारत के सभी राज्यों में उगाई जाती है लेकिन इसके अलग-अलग नाम या यूं कहे की इसकी किस्मों को अलग-अलग नामों से जाना जाता है चलिए जानते हैं कंगनी के कंगनी के प्रमुख नाम।
प्रियंगु कंगनी के प्रमुख नाम. Kangni Anaaj Ke Naam
- उत्तराखंड में इसे कौणी या कौंणी कहते हैं।
- बंगाली में काऊन , काकनी और कानिधान कांगनी दाना
- तमिलनाडु में इसे तीनि कहा जाता है।
- हिंदी में इसे कंगनी या कफनी , काकुंन,टांगुन
- अंग्रेजी में इसे Foxtail Millet , Italian millet कहते हैं।
- संस्कृत में कंगनी, प्रियंगु ,कंगुक,सुकुमार,अस्थिबन्धन
- मराठी में कांग ,काऊन , राल
- गुजराती में भी कांग कहते हैं।
कंगनी में पाए जाने वाले पोषक तत्व. Priyangu Kangni Anaaj Ke Poshan Tatwa
प्यारे पाठको कंगनी एक बहुमूल्य अनाज है। जो कि तमाम प्रकार के पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। इसके सेवन से मनुष्य न केवल स्वस्थ रह सकता है बल्कि यह विभिन्न रोगों के उपचार में भी उपयोग किया जाता है। इस में पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारे शरीर के संतुलन में अहम भूमिका निभाते हैं। कौंणी या कंगनी में निम्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं।
पौष्टिक तत्व | मात्रा प्रति 100 gm में |
कार्बोहाइड्रेट | 67 mg |
प्रोटीन | 12.30 gm |
फैट | 4.30 gm |
आयरन | 2.8 gm |
एनर्जी | 331 kcl |
फाइबर | 8 gm |
कैल्शियम | 3 gm |
फास्फोरस | 290 mg |
ग्लाइसेमिक इंडेक्स | 52 |
ग्लाइसेमिक लोड | 32 |
कौंणी या कंगनी के फायदे. Kangni Anaaj Ke Fayede
दोस्तों कंगनी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में तो हम जान चुके हैं लेकिन इसके उपयोग के बारे में जानना भी हमारे लिए बेहद जरूरी है किस तरीके से कौंणी या कंगनी हमारे लिए उपयोगी है। इसके बहुमूल्य उपयोग जानकर आप उत्तराखंड के पारंपरिक अनाज कौंणी के शौकीन हो जाओगे।
- जो लोग मोटे हैं पतला होना चाहते हैं कंगनी में प्राप्त तत्व मोटे पन को कम करने में मदद करते हैं
- कौन मैं कालेश्वर लेवल को संतुलित बनाने में कंगनी अहम भूमिका निभाती है।
- इस में पाए जाने वाला फाइबर मधुमेह के रोगियों के लिए लाभकारी माना जाता है।
- कौंणी या कंगनी में आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कि हड्डियों के विकास के लिए उपयुक्त माना जाता है।
- इसका एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से लड़ने में सहायता करता है।
- प्यारे दोस्तों यह तो हमारा आज का लेख जिसमें हमने कंगनी के बारे में एवं कंगनी खाने के फायदे के बारे में जाना। यदि आपको यह लेख जानकारी युक्त लगा तो आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ भी जरूर साझा करें।
अस्वीकरण
प्यारे पाठको यह लेख केवल जानकारी एवं शैक्षणिक प्रयोग के लिए साझा किया गया है। कंगनी का उपयोग किसी भी प्रकार के उपचार में करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। देवभूमि उत्तराखंड आपको कभी भी किसी भी प्रकार की औषधि को अपनाने की सलाह नहीं देता है।
कंगनी के बारे में F&Q
Q – कंगनी क्या काम आती
Q -कंगनी कब बोई जाती है
Q – कंगनी के चावल कैसे होते हैं
Q – हरि कंगनी क्या है
Q – कंगनी खाने के फायदे
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