ओंकारेश्वर मंदिर उत्तराखंड. Omkareshwar Temple Uttarakhand

ओंकारेश्वर मंदिर उत्तराखंड

नमस्ते दोस्तों स्वागत है आपका देव भूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में आज के इस ले के माध्यम से हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड का प्रसिद्ध मंदिर ओंकारेश्वर महादेव मंदिर के बारे में जानकारी साझा करने वाले हैं। उत्तराखंड में भगवान शिव जी के कई पवित्र धाम में जो कि अपने इतिहास और पौराणिक महत्व के लिए पहचाने जाते हैं। इन पवित्र धामों के प्रति श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास होता है। आस्था और भक्ति के प्रतीक यहां के मंदिर भक्ति भावना से ओतप्रोत होते हैं। ओंकारेश्वर महादेव मंदिर उन्हीं स्थानों में से एक है जो कि अपने इतिहास पर पौराणिक महत्व को अपने में समेटे हुवा हैं। आज आपको ओंकारेश्वर महादेव मंदिर के इतिहास और पौराणिक महत्व के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। दोस्तों आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आएगा।

ओंकारेश्वर महादेव मंदिर उत्तराखंड. Omkareshwar Mahadev Temple Uttarakhand

ओंकारेश्वर मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के उखीमठ में स्थित एक हिंदू तीर्थ स्थल है जो की समुद्र तल से 1300 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित ओंकारेश्वर महादेव मंदिर अपनी दिव्य शक्तियों के लिए पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है।

सर्दियों के मौसम में यानी कि नवंबर से अप्रैल माह तक जब केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद किए जाते हैं तो केदारनाथ मंदिर के देवता को ओंकारेश्वर मंदिर में लाए जाते हैं और अप्रैल माह तक उनकी पूजा इसी मंदिर में की जाती है।

मंदिर में मंधाता की पत्थर से निर्मित एक मूर्ति है मान्यता है कि सम्राट ने अपने अंतिम वर्षो के दौरान साम्राज्य के साथ-साथ सब को छोड़कर उखीमठ में आए और एक पैर पर खड़े होकर 12 वर्षों तक तपस्या की। किवदंति है भगवान शिव जी ने ओंकार के रूप में उन्हें दर्शान दिए।

मंदिर आस्था और भक्ति का एक केंद्र होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है । आगंतुकों के लिए मंदिर के आसपास की सुंदरता और ज्यादा खास होने वाली है क्योंकि सुंदर मंदाकिनी नदी इसी ओंकारेश्वर धाम के पास से बहती है।

ओंकारेश्वर मंदिर की मान्यताएं. Omkareshwar Mahadev Mandir Manyta

यह पंच केदार में में से एक महेश्वर मंदिर के देवता को भी इसी मंदिर में लाया जाता है । पौराणिक कहानियां और मान्यताओं के आधार पर बताया जाता है कि उषा और अनिरुद्ध की शादी इसी मंदिर में हुई थी।

उखीमठ को उषा , भगवान शिव, देवी पार्वती और अनिरुद्ध एवं मांधता को समर्पित कई कलात्मक प्राचीन मंदिरों में से एक है। उखीमठ से शानदार हिमालय की बर्फीली चोटियां दिखाई देती है जो कि यहां आए श्रद्धालुओं को काफी आकर्षित करती हैं।

ओंकारेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे. Omkareshwar Mahadev Mandir Kese Pahuchen

प्यारे पाठको यदि आप भी ओंकारेश्वर महादेव मंदिर पहुंचना चाहते हैं तो बताना चाहेंगे कि ओंकारेश्वर महादेव मंदिर पहुंचने के लिए सड़क मार्ग के साथ-साथ हवाई मार्ग एवं रेल मार्ग का विकल्प भी उपलब्ध है लेकिन सड़क मार्ग के माध्यम से ओंकारेश्वर महादेव मंदिर पहुंचना काफी आसान है।

सड़क मार्ग के माध्यम से ओंकारेश्वर महादेव मंदिर पहुंचने के लिए सर्वप्रथम उखीमठ तक पहुंचना जरूरी है। जिसके बाद रुद्रप्रयाग होते हुए गौरीकुंड और गुप्तकाशी के मार्ग द्वारा भी ओंकारेश्वर महादेव मंदिर पहुंचा जा सकता है।

रेल मार्ग की बात की जाए तो ओंकारेश्वर महादेव मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है ऋषिकेश से मंदिर की दूरी मात्र 180 किलोमीटर है यहां से आप बस एकदम प्राइवेट टैक्सी की माध्यम से भी महादेव के पवित्र धाम तक पहुंच सकते हैं।

वायु मार्ग के माध्यम से ओंकारेश्वर महादेव मंदिर पहुंचने के लिए बस और प्राइवेट टैक्सी की मदद लेनी पड़ेगी। ओंकारेश्वर महादेव मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन जौलीग्रांट है जहां से पवित्र धाम की दूरी मात्र 196 किलोमीटर है। ‌

दोस्तों यह जो हमारा आज का लेख ओंकारेश्वर महादेव मंदिर के बारे में। आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें। इसलिए कि संदर्भ में अपनी वाणी व्यक्त करने के लिए आप हमें कमेंट के माध्यम से भी अपना संदेश भेज सकते हैं।

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