नमस्ते दोस्तों स्वागत है आपका देव भूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको हनुमान गढ़ी मंदिर नैनीताल के बारे में जानकारी देने वाले हैं। देवभूमि उत्तराखंड में भगवान हनुमान को समर्पित विभिन्न पावन धाम है जिनमें से नैनीताल के माल रोड पर स्थित हनुमान गढ़ी मंदिर अपनी आस्था और भक्ति के लिए पूरे देश परदेश में प्रसिद्ध है। आज के इस लेख में हम हनुमान गढ़ी मंदिर नैनीताल के इतिहास और हनुमान गढ़ी मंदिर नैनीताल (Hanumaan Gari Mandir Nainitaal) के मान्यताओं के बारे में जानकारी साझा करेंगे। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आएगा।
हनुमान गढ़ी मंदिर नैनीताल. Hanumaan Gari Mandir Nainitaal
भगवान हनुमान जी के प्रसिद्ध पावन धामों में से एक हनुमान गढ़ी मंदिर उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है जो कि पूरे वर्ष भर में हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। नैनीताल के माल रोड के पास स्थित यह हनुमानगढ़ी मंदिर की स्थापना बाबा नीम करोली महाराज द्वारा की गई थी।
समुद्र तल से 6401 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह खूबसूरत सा हनुमान गढ़ी मंदिर भगवान हनुमान ( Hanumaan Gari Mandir Nainitaal) के प्रबल भक्तों के लिए एक मशहूर जगह है। खूबसूरत पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर श्रद्धालुओं को प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ सूर्यास्त सूर्य उदय की मनमोहक प्रस्तुत करता है।
हनुमानगढ़ी मंदिर की वास्तुकला. Hanumaan Gari Mandir Wastukala
भगवान हनुमान जी के मंदिर हनुमानगढ़ी मंदिर की वास्तुकला अपने आप में एक खास महत्व रखती है। मंदिर एक अद्भुत वास्तु कला से निर्मित है। प्रवेश करने पर आप देख पाएंगे कि मंदिर परिसर में मौजूद मंदिरों पर भगवा , सफेद और लाल रंग दिखाई देंगे।
भगवान हनुमान जी की एक सुंदर सी जी गगनचुंबी मूर्ति। मंदिर की सबसे प्रमुख और आकर्षक भाग में से एक है। यहां पर भगवान हनुमान जी एक हाथ में गदा और सिर के ऊपर एक स्वर्ण छत्र स्थापित है।
हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल का इतिहास. Hanumaan Gari Mandir Nainital Ka Itihas
ऐतिहासिक मान्यताओं के आधार पर किंवदंती है कि कलयुग में हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां अवतार माना गया है। इसलिए भगवान हनुमान जी के पावन धाम पूरे देश में विद्यमान है।
बाबा नीम करौली द्वारा यह पवित्र मंदिर 1950 में निर्मित किया गया। मंदिर परिसर में पहुंचने के लिए 70 चरणों की चढ़ाई चढ़ने पड़ती है। हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल के पास ही शीतला माता मंदिर और लीलाशाह बापू का आश्रम भी है। नैनीताल के तल्लीताल में स्थित यह पावन धाम हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।
हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल की मान्यताएं. Hanumaan Gari Mandir Nainitaal Manyataye
हनुमान गढ़ी मंदिर नैनीताल कुछ पौराणिक मान्यताएं हैं जिनके आधार पर इस मंदिर को विशेष स्थानों में से एक माना जाता है। भगवान हनुमान जी के पावन चरणों में से एक हनुमान गढ़ी मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी भक्त यहां पर सच्चे मन से कामना करते हैं भगवान हनुमान जी उनकी इच्छा जरूर पूर्ण करते हैं।
पौराणिक मान्यता है कि मंदिर निर्माण से पहले बाबा नीम करोली इस जगह पर आया करते थे और एक मिट्टी के टीला के पास बैठकर राम नाम जपा करते थे। उस समय यहां पर घना जंगल था। और मान्यता है कि यह सब देख कर वहां मौजूद पेड़ पौधे भी भगवान राम का नाम जपने लगे।
यह दृश्य देख बाबा नीम करोली जी बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने कीर्तन कराने का फैसला किया। कीर्तन करने के बाद उन्होंने सभी लोगों के लिए प्रसाद भंडारा किया । बताया जाता है कि प्रसाद बनाते समय घी कम पड़ जाता है। जिसे देख बाबा नीम करोली एक पानी का कनस्तर कढ़ाई में डाल देते हैं। और एक रहस्यमई बात यह है कि वह पानी का कनस्तर की के रूप में तब्दील हो जाता है। यहां से देख वहां मौजूद सभी लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं। इस तरह से कुछ हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल की ऐतिहासिक मान्यताएं प्रसिद्ध है।
हनुमान गढ़ी मंदिर नैनीताल का प्रवेश समय. Hanumaan Gari Mandir Nainitaal Timing
प्यारे पाठको भगवान हनुमान गढ़ी मंदिर नैनीताल का प्रवेश समय सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम के 4:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक रहता है। भगवान हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आपको किसी भी प्रकार का क्षेत्र देने की जरूरत नहीं है। यहां पर प्रवेश निशुल्क है।
हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल कैसे पहुंचे. Hanumaan Gari Mandir Nainitaal Kese Pachuchen
दोस्तों यदि आप भी हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल के दर्शन करना चाहते हैं तो बताना चाहते हैं कि हनुमान गढ़ी मंदिर तल्लीताल माल रोड से लगभग साडे 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सड़क मार्ग की अच्छी संपर्कता होने के कारण आप सड़क मार्ग को प्राथमिकता दे सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा
सड़क मार्ग द्वारा हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल पहुंचना काफी आसान है क्योंकि यह मंदिर सड़क मार्ग से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सड़क मार्ग की अच्छी संपर्कता होने के कारण आप देश के किसी भी कोने से हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल के दर्शन कर सकते हैं। देश की राजधानी दिल्ली से यहां मंदिर लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रेल मार्ग द्वारा
यदि रेल मार्ग द्वारा हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल पहुंचना चाहते हैं तो मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जहां से मंदिर की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से आप बस और टैक्सी के माध्यम से भी आ सकते हैं।
वायु मार्ग द्वारा
हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल का नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है यहां से प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी मंदिर 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहां से सड़क मार्ग द्वारा बस और टैक्सी के माध्यम से भी नैनीताल पहुंच सकते हैं।
दोस्तों यह तो हमारा आज का लेख जिसमें हमने आपको हनुमान गढ़ी मंदिर नैनीताल ( Hanumaan Gari Mandir Nainitaal)के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा। यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें।
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