हेलो दोस्तों स्वागत है आपका देवभूमि उत्तराखंड के आज के नए ब्लॉग में आज हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड का राज्य वृक्ष बुरांश के बारे में बात करने वाले हैं। दोस्तों जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि उत्तराखंड के प्रतीक चिन्ह कितने महत्वपूर्ण है। उनके द्वारा उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को ही नहीं बल्कि उत्तराखंड को एक अलग पहचान मिलती है। प्रतीक चिन्हों में से एक है उत्तराखंड का राज्य वृक्ष बुरांश ( Buransh, the state tree of Uttarakhand) जिसे तो आप लोगों ने देखा ही होगा लेकिन शायद ही इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानते होंगे। कैसे लिखना हम आपको बुरांश उनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करने वाली है आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आएगा।
बुरांश का फूल उत्तराखण्ड. Buransh Tree Uttarakhand
उत्तराखंड के पहाड़ों में बाज वृक्ष और चीड़ के अलावा अधिक संख्या में पाए जाने वाला बुरांश वृक्ष लगभग उत्तराखंड की हर इलाके में पाया जाता है। सदाबहार वृक्ष है लेकिन इस वृक्ष में अप्रैल से लेकर जून माह तक फूल खिले हुए रहते हैं। (Buransh Tree Uttarakhand ) उत्तराखंड सरकार द्वारा इस सदाबहार वृक्ष को राज्य वृक्ष घोषित किया गया है। बुरांश का वानस्पतिक नाम रोडोडेंडरान अर्बोरियम है। यह वृक्ष भारत देश के अलावा अन्य कई देशों में भी पाया जाता है। जबकि नेपाल में बुरांश वृक्ष को लाली गुरांश के नाम से पहचाना जाता है।
समुद्र तल से लगभग 1500 से 4000 मीटर की ऊंचाई पर पाई जाने वाला यह वृक्ष बुरांश सदाबहार हर रहता है। ( Buransh, the state tree of Uttarakhand) बुरांश के फूल का रंग लाल होता है। जितनी अधिक ऊंचाई पर जाते हैं इसके वृक्ष के फूल और अधिकतर मिलते जाते हैं और कभी-कभी 11000 फीट की ऊंचाई पर सफेद रंग का बुरांश भी पाए जाते हैं।
यह वृक्ष दिखने में जितना खूबसूरत लगता है उतना ही यह कमजोर होता है। बुरांश का वृक्ष उत्तराखंड के अलावा नेपाल ,तिब्बत पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अलावा श्रीलंका और यूरोप में भी काफी अधिक पाया जाता है। ( Buransh Tree Uttarakhand ) बुरांश वृक्ष की लगभग 300 से भी अधिक प्रजातियां मौजूद है ।
दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी की बुरांश वृक्ष को भारत के उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश एवं नागालैंड राज्य में इसे राज्य पुष्प का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा यह नेपाल का राष्ट्रीय फूल भी है।
बुरांश का फूल दिखाने में कितना खूबसूरत होता है उससे भी कई ज्यादा खूबसूरत इसके फायदे होते हैं। चलिए औषधि के रूप में बुरांश का फूल किस तरीके से उपयोग में लाया जाता है जान लेते हैं।
बुरांश के फूल का औषधीय उपयोग, Buransh Ke Phool Ka Upyog
बुरांश फूल का उपयोग आयुर्वेद में औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। उत्तराखंड में इसके विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक दवाइयां भी बनाई जाती है और इसके अलावा उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में इसके जूस प्रोडक्ट भी बनाए जाते हैं।
बुरांश फूलों के पत्ती और फूल का औषधि के रूप में उपयोग ( Buransh Ke Phool Ka Upyog ) किया जाता है। इसके अलावा बुरांश फूल का उपयोग चटनी बनाने में भी किया जाता है। इसका जूस और चटनी काफी स्वादिष्ट होती है।
बुरांश सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। दिल के मरीजों के लिए बुरांश का जूस काफी फायदेमंद माना जाता है। बुरांश का जूस शरीर में खून की कमी को पूरी करता है। इसके अलावा इसमें जो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले तत्व भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
विभिन्न कार्यों में उपयोगी है बुरांश की लकड़ी। Uses of Buransh Tree
दोस्तों बुरांश की लकड़ी का उपयोग भी अपने आप में ख़ास है। बुरांश की लकड़ी का उपयोग ( Uses of Buransh Tree ) विभिन्न प्रकार के फर्नीचर एवं कृषि उपकरण बनाने में उपयोग किया जाता है। बुरांश के पत्तों को सड़ा कर खाद के रूप में भी उपयोग किया जाता है। जंगल में हरा भरा देखने वाला यह पौधा जल को रोकने का मुख्य स्रोत है।
दोस्तों यह था हमारा आज का लेख जिसमें हमने आपको बुरांश फुल के बारे में जानकारी दी। आशा करते हैं कि आपको उत्तराखंड का राज्य वृक्ष बुरांश के बारे में जानकारी मिल गई होगी। आपको यह लेख कैसा लगा हमें टिप्पणी के माध्यम से बताएं और यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें।
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