सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन. Siddhi Ko Data Vighan Vinashan.

Siddhi Ko Data Vighan Vinashan.
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हेलो दोस्तों स्वागत है आपका देवभूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख। आज के इस लेख में हम बात करने वाले हैं उत्तराखंड में होली का गीत “सिद्धि को दाता विघ्र विनाशक ” (Siddhi Ko Data Vighan Vinashan. के बारे में। देवभूमि उत्तराखंड अपनी संस्कृति और परंपराओं के लिए पहचाना जाता है। उत्तराखंड में हर महा कि कोई ना कोई पर्व जरूर मनाया जाता है इसलिए इसे त्योहारों का शहर भी कहा जाता है। अपनी संस्कृति को संजोने के लिए यहां के लोग विभिन्न प्रकार के लोक पर्व, मेलें एवं त्यौहार मनाते हैं। होली उत्तराखंड का प्रमुख त्योहारों में से एक है। लोक पर्व शुरू होने से पहले ही लोगों द्वारा इसकी तैयारी शुरू की जाती है। उत्तराखंड में होली मनाने का तरीका काफी अलग है। संस्कृत रीति-रिवाज को मध्य नजर रखते हुए यहां के लोग होली से कुछ दिन पहले अपने आसपास के गांव के सभी घरों में जाकर होली गीत गाकर होली की रस्म को पूरा करते हैं।

होली के शुरुआती दिनों में उत्तराखंड के लोगों द्वारा खास तौर पर बच्चों एवं पुरुषों द्वारा होली के स्वागत के लिए विशेष प्रकार के गीत गाए जाते हैं उन्हें गीतों में से एक है “सिद्धि को दाता विघ्र विनाशक ” ( Siddhi Ko Data Vighan Vinashan)जो कि भगवान गणेश जी को समर्पित है और होली के दिनों में पुरुषों द्वारा सभी तरीके से इस गीत को गया जाता है। यह हम आपको इस गीत के कुछ बोल बताते हैं।

सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन
होली खेले गिरजापति नन्दन। सिद्धि को दाता
गौरी को नन्दन, मूसा को वाहन । होली खेले………
लाओं भवानी अक्षत चन्दन
पूजूँ मैं पहले जगपति नन्दन। होली खेले …….
गज मोतियन से चौक पुराऊँ
अर्घ दिलाऊँ पुष्प चढ़ाऊँ । होली खेले ……..
ताल बजावे अंचन, कंचन
डमरू बजावे शुंभ विभूषन
नाचे गावें भवानी के नन्दन। होली खेले …….

दोस्तों यह था हमारा आज का लेख। जिसमें हमने आपको ” सिद्धि को दाता विघ्र विनाशक ” (Siddhi Ko Data Vighan Vinashan ) होली गीत के बारे में जानकारी दी। आशा करते हैं कि आपको होली का यह गीत पढ़कर अच्छा लगा होगा। आपको यह लेख पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें। और उत्तराखंड से संबंधित ऐसे ही जानकारी युक्त लेख पाने के लिए आप देवभूमि उत्तराखंड को जरूर फॉलो करें।

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