स्वागत है आपका देवभूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में। आज के इस लेख के माध्यम से हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड के पंवार वंश की वंशावली के ( Panwar Vans Uttarakhand ) बारे में जानकारी देने वाले हैं। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि उत्तराखंड का इतिहास अपने हमें खास एवं अनोखा स्थान रखता है। आजादी से पहले यहां पर विभिन्न राजाओं एवं विभिन्न वंशों ने राज किया उन्हें वश में से एक है पंवार वंश जिनके बारे में आज हम इसलिए के माध्यम से आपको जानकारी देने वाले हैं। करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आएगा। इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना।
पंवार वंश उत्तराखंड.Panwar Vans Uttarakhand
जब कभी भी बात उत्तराखंड के इतिहास के बारे में आती है तो पंवार वंश का जिक्र जरूर किया जाता है। उत्तराखंड के इतिहास में पंवार वंश एवं परमार वंश प्रमुख स्थान पर आते हैं।
पंवार वंश की नव राजा कनक पाल ने रखी वहीं दूसरा कुमाऊं पर राज करने वाले चंद्र वंश जिसकी नीव राजा सोमचंद ने रखी थी। ऐतिहासिक तत्व के अनुसार जब पंवार वंश के राजा कनक पाल सत्ता में आए तो उनकी राजधानी चमोली के चांदपुर गढ़ी में स्थित थी । राजा कनक पाल के समय गढ़वाल का समस्त क्षेत्र 52 गढ़ों में विभक्त था। किवदंति है कि इन 52 गढ़ों को परमार वंश ( Panwar Vans Uttarakhand ) के 37वें राजा अजय पाल ने जीता था। चांदपुर गढ़ी में आज भी पंवार वंश के दुर्गा के अवशेष देखने को मिलते हैं।
अजय पाल ने जब समस्त 52 गढ़ों को जीत तो उन्हे गढ़वाला कहकर पुकारा जाने लगा। उसके बाद अजय पाल ने समस्त 52 गढ़ों की राजधानी श्रीनगर बनाई जहां से परमार वंश के अन्य राजाओं ने समस्त गढ़वाल पर राज किया।
परमार वंश की वंशावली महाराजा प्रद्युमन शाह तक ही है। जोकि वर्ष 1904 में खुडबुडा के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो गए इसके बाद गढ़वाल पर गोरखाओं का शासन हो गया था। 1915 में अंग्रेजों और गोरखाओं के बीच युद्ध हुआ । आज उत्तराखंड पर धीरे-धीरे अंग्रेजों का आधिपत्य होने लगा।
दोस्तों नीचे कुछ हम आपको परमार वंश की वंशावली के ( Panwar Vans Uttarakhand ) बारे में जानकारी दे रहे हैं इसमें प्रत्येक राजा एवं उसके शासनकाल के बारे में जानकारी दी गई है।
नाम | शासनकाल | उम्र | मृत्यु की तिथि (सम्वत मे ) |
कनकपाल | 11 | 51 | 756 |
श्याम पाल | 26 | 60 | 782 |
पदुपाल | 31 | 45 | 813 |
अभिगत पाल | 25 | 31 | 838 |
सिगलपाल | 20 | 24 | 858 |
रत्नपाल | 49 | 68 | 907 |
सलिपाल | 8 | 17 | 905 |
विधिपाल | 20 | 20 | 935 |
मदनपाल (प्रथम) | 17 | 22 | 952 |
भक्तिपाल | 25 | 31 | 977 |
जयचन्द पाल | 29 | 36 | 1006 |
पृथ्वी पाल | 24 | 40 | 1030 |
मदन पाल (द्धितीय) | 22 | 30 | 1052 |
अगस्ती पाल | 20 | 33 | 1072 |
सूरती पाल | 22 | 36 | 1094 |
जयन्त सिंह पाल | 19 | 30 | 1113 |
अनन्त पाल (प्रथम) | 16 | 24 | 1129 |
आनन्द पाल (प्रथम) | 12 | 20 | 1141 |
विभोग पाल | 18 | 22 | 1159 |
सुभजन पाल | 14 | 20 | 1173 |
विक्रम पाल | 15 | 24 | 1188 |
विचित्र पाल | 10 | 23 | 1198 |
दोस्तों यह था हमारा आजकल एक जिसमें हमने आपको परमार वंश की वंशावली के बारे में ( Panwar Vans Uttarakhand ) जानकारी दी। आशा करते हैं कि आपको परमार वंश की वंशावली के बारे में जानकर अच्छा लगा होगा। यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें। उत्तराखंड से संबंधित ऐसे ही जानकारी युक्त लेख पाने के लिए आप देव भूमि उत्तराखंड को फॉलो कर सकते हैं
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