घोड़ाखाल मंदिर. Ghodakhal Mandir Uttarakhand

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नमस्ते दोस्तों स्वागत है आपका देव भूमि उत्तराखंड की आज के नए लेख में। आज हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड का प्रसिद्ध मंदिर घोड़ाखाल मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं। घोड़ाखाल मंदिर उत्तराखंड के पवित्र एवं धार्मिक स्थलों में से एक है जो कि अपने इतिहास और पौराणिक महत्व के लिए जाना जाता है। आज के इस लेख में हम घोड़ाखाल मंदिर के बारे में संपूर्ण जानकारी साझा करने वाले हैं।

घोड़ाखाल मंदिर के बारे में. Ghodakhal Mandir Uttarakhand

घोड़ाखाल मंदिर उत्तराखंड (Ghodakhal Mandir Uttarakhand) के पवित्र मंदिरों में से एक है जो कि जिला नैनीताल के भावली से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है। प्रसिद्ध घोड़ाखाल मंदिर न्याय देवता के रूप में गोलू देवता को समर्पित है। इस मंदिर को गोलज्यू महाराज के नाम से भी जाना जाता है।

आस्था और भक्ति का प्रतीक यह मंदिर हर वर्ष हजारों भक्तों को अपनी और आकर्षित करता है। मंदिर की मुख्य विशेषता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से कामना करते हैं उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण होती है। घोड़ाखाल मंदिर एक रमणित शांत एवं धार्मिक स्थल के रूप में भी पहचाना जाता है। मंदिर के चारों दिशाओं में बंदी हजारों घंटियां गोलू देवता मंदिर की आस्था की ओर संकेत करते हैं।

घोड़ाखाल का शाब्दिक अर्थ. Ghodakhal Mandir Uttarakhand

दोस्तों घोड़ाखाल मंदिर नाम पड़ने के पीछे मान्यता है कि घोड़ाखाल एक छोटा सा गांव है ( Ghodakhal Village ) जो कि पहाड़ के सुरम्य घाटी के बीच स्थित है। यहां के निवासी आस्था और भक्ति से ओतप्रोत इसलिए उन लोगों ने पूजा की । और जिस स्थान पर उन लोगों ने पूजा की उसी स्थान पर गोलू देवता का मंदिर स्थित है। इस मंदिर की मुख्य विशेषता है कि मनोकामना पूर्ण होने पर हर वक्त यहां पर घंटी चढ़ाता है इसलिए इसलिए घंटियों का मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

आस्था और भक्ति का प्रतीक है गोलू देवता का मंदिर. Ghodakhal Mandir Uttarakhand

मंदिर के चारों दिशाओं में लकी घंटियां और भक्तों के द्वारा कागज पर लिखे मन्नत उसे स्पष्ट ज्ञात होता है कि यह मंदिर आस्था और भक्ति का प्रतीक है। गोलू देवता अपने भक्तों की मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं। मान्यता है कि यहां पर भक्तों के द्वारा चिट्ठियों के रूप में अपनी मन्नतें लिखी जाती है और जब मन्नत पूरी हो जाती है तो भक्तों के माध्यम से मंदिर में घंटा चढ़ाई जाती है। मंदिर में मौजूद घंटियों की संख्या से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वाकई में गोलू देवता अपने भक्तों की मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं।

वैसे तो इस मंदिर में वर्ष भर में हजारों की संख्या में भक्तों का आना जाना लगा रहता है लेकिन खासतौर पर नवरात्रि व श्रावण मास के दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं की जमकर भीड़ इकट्ठा होती है।

घोड़ाखाल मंदिर की मान्यता. Ghodakhal Mandir Uttarakhand Manytayen

घोड़ाखाल मंदिर उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जो कि अपने पवित्र मान्यताओं के लिए भी पहचाना जाता है।
घोड़ाखाल मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां पर सभी भक्तों अपनी मुरादे चिट्ठियों के माध्यम से गोलू देवता तक पहुंचाया करते हैं और न्याय के देवता गोलू महाराज उनकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं। मनोकामना पूर्ण होने के बावजूद भक्तों के माध्यम से मंदिर में घंटियां बेड स्वरूप चढ़ाई जाती है वर्तमान में मौजूद घंटियों की संख्या के आधार पर आप मंदिर की पौराणिक महत्व के बारे में जान सकते हैं।

गोलू देवता मंदिर के बारे में मान्यता है कि नवाब भाई जोड़ी इस मंदिर के दर्शन करते हैं तो उनका रिश्ता सात जन्मो तक बना रहता है। वाकई में उत्तराखंड का गोलू देवता मंदिर आस्था और भक्ति का प्रतीक है।

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