बाल मिठाई उत्तराखंड. Baal Mithaai Uttarakhand

Baal Mithaai Uttarakhand
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हेलो दोस्तों स्वागत है आपका देवभूमि उत्तराखंड की आज के नई लेख में। आज की इस लेख के माध्यम से हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड की प्रसिद्ध मिठाई बाल मिठाई के ( Baal Mithaai Uttarakhand ) बारे में जानकारी देने वाले हैं आशा करते हैं कि आपको उत्तराखंड के बाल मिठाई के बारे में यह लेख पढ़ कर अच्छा लगेगा।

उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य के अलावा धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों के लिए भी पहचाना जाता है। इसके अलावा उत्तराखंड का खानपान और यहां का रहन-सहन उत्तराखंड के संस्कृति और परंपराएं भी उत्तराखंड राज्य को काफी अलग पहचान दिलाती है। और इस संस्कृति का एक अंग है उत्तराखंड की मिठाइयां जिनकी बदौलत से उत्तराखंड के खान-पान को एक अनोखा स्वाद मिलता है। बाल मिठाई उत्तराखंड के प्रसिद्ध एवं स्वादिष्ट मिठाइयों में से एक है। न केवल उत्तराखंड के लोगों द्वारा बल्कि देश-विदेश से आए दर्शनार्थियों द्वारा भी बाल मिठाई का स्वाद के बारे में बेखुदी से सुना जा सकता है। उत्तराखंड के लोकल उत्पादों को शिखर पर ले जाने वाली बाल मिठाई पूरे देश विदेश में प्रसिद्ध है चलिए एक नजर उत्तराखंड की बाल मिठाई ( Baal Mithaai Uttarakhand ) के ऊपर डालते हैं।

मिठाइयों को स्वाद के शिखर पर ले जाने वाली बाल मिठाई न केवल आज के समय में प्रसिद्ध हुई है बल्कि आजादी से पहले भी बाल मिठाई की प्रसिद्ध का मिले हैं। पूरे रंग की आयताकार चॉकलेट जैसी दिखने वाली यह बाल मिठाई चारों ओर से सफेद चीनी की छोटी-छोटी गोलियां लिपटी रहती है। दिखने में जितने स्वादिष्ट यह लगती है खाने में यह उससे भी ज्यादा स्वादिष्ट होती है शायद यही कारण है कि उत्तराखंड में बदलने वाले हर व्यक्ति बाल मिठाई का स्वाद लेने के लिए उत्सुक होता है।

कल मिठाई का आविष्कार कब हुआ लेकिन लोकोकृतियों एवं लोग कहानियों के आधार पर मान्यता है कि 1865 से 1872 के बीच बाल मिठाई लोगों के सामने आई। उत्तराखंड में बाल मिठाई ( Baal Mithaai Uttarakhand ) बनाने वाले पहले व्यक्ति लाल योगा शाह थे जिन्होंने 19वीं शताब्दी में बाल मिठाई बनाने का कार्य शुरू किया और उत्तराखंड को एक नई पहचान दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई।

Baal Mithaai Uttarakhand

उत्तराखंड की संस्कृति में बाल मिठाई का योगदान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है बाल मिठाई के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति को अलग पहचान मिली है खास तौर पर उत्तराखंड के कुमाऊं प्रांत में जिला अल्मोड़ा में यह मिठाई काफी अधिक देखने को मिलती है। विटामिन तत्वों से भरपूर बाल मिठाई न केवल दिखने में स्वादिष्ट होती है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभदायक मानी जाती है। इसलिए उत्तराखंड में पधारने वाला हर एक व्यक्ति बाल मिठाई का स्वाद एक न एक बार जरूर लेना चाहता है।

लगभग कुछ सालों में देखा गया है कि उत्तराखंड में खोया का उत्पादन निरंतर घटता जा रहा है जबकि बाजार में बाल मिठाई की मांग अधिक बढ़ रही है। खोया उत्पादन गिरने का मुख्य कारण लकड़ी प्राप्त न होना माना जा रहा है शुरुआत से ही यहां पर खोया बनाने के लिए लकड़ी का उपयोग ईंधन के लिए होता आ रहा है।

उत्तराखंड की बाल मिठाई ( Baal Mithaai Uttarakhand ) मांग गम धीरे-धीरे बढ़ रही है क्योंकि जिस तरीके से बाल मिठाई लोगों के सामने आ रही है हर कोई व्यक्ति इसका स्वाद लेना चाहता है जिसके कारण बाजारों में बाल मिठाई की मांग अधिक देखने को मिल रही है लेकिन उत्तराखंड के कुमाऊं प्रांत को बाल मिठाई का मुख्य उत्पादक क्षेत्र माना जाता है। कुमाऊं प्रांत के अधिकांश लोग बाल मिठाई को रोजगार का आधार मानकर इसका उत्पादन करते हैं। खाने की बाल मिठाई बनाने वाले लोग इतने निर्गुण होते हैं कि सभी विषयों का अच्छे से ज्ञान होता है जिसके कारण वह बाल मिठाई को उत्तराखंड की प्रसिद्ध मिठाई बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।

तो यह था हमारा आज का लेख जिसमें हमने आपको उत्तराखंड के बाल मिठाई ( Baal Mithaai Uttarakhand ) के बारे में जानकारी दी। करते हैं कि आपको उत्तराखंड के बाल मिठाई के बारे में जानकर अच्छा लगा होगा यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें। उत्तराखंड से संबंधित ऐसे ही जानकारी युक्त लेख पाने के लिए आप देवभूमि उत्तराखंड को जरूर फॉलो करें।

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