उत्तराखंड राज्य गीत. Uttarkhand Rajya Geet

Admin

Uttarkhand-Rajya-Geet
Spread the love

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका देवभूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में। आज के इस लेख के माध्यम से हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड राज्य गीत के बारे में बात करने वाले हैं। देवभूमि उत्तराखंड अपनी सांस्कृतिक विरासत और पवित्र दार्शनिक स्थलों के साथ-साथ यह अपने संस्कृति और परंपराओं के लिए भी पहचाना जाता है। उत्तराखंड संस्कृति को जीवंत रखने वाला उत्तराखंड राज्य गीत ( Uttarkhand Rajya Geet ) अधिक चर्चा में है और इस गीत के बोल आपको भी जरूर सुननी चाहिए।

चलिए हम आपको कुछ उत्तराखंड राज्य गीत के कुछ बोल बताते एवं सुनवाते है। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आएगा इसलिए इसे अंत तक जरूर पढ़ना।

उत्तराखंड राज्य गीत.Uttarkhand Rajya Geet

उत्तराखंड के राज्य गीत को 6 फरवरी 2016 के दिन तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत जी एवं राज्यपाल द्वारा अनुमति मिल गई। बताना चाहेंगे कि उत्तराखंड के राज्य गीत का चयन करने के लिए संस्कृत के विभाग में 2015 में एक कमेटी बनाई। कमेटी के माध्यम से “उत्तराखंड देवभूमि मातृभूमि
शत शत वंदन अभिनन्दन।”
गीत को उत्तराखंड के राज्य गीत का दर्जा दिया गया। उत्तराखंड के प्रसिद्ध राज्य गीत के लेखक हेमंत बिष्ट है। जबकि यह गीत नरेंद्र सिंह नेगी एवं अनुराधा निराला जी की आवाज में दोहराया गया है।

आप नीचे उत्तराखंड राज्य गीत ( Uttarkhand Rajya Geet) के लिरिक्स पढ़ सकते हैं। अब हम आपको एक यूट्यूब वीडियो के माध्यम से इस खूबसूरत से गाने को सुनवाते है।

उत्तराखंड देवभूमि मातृभूमि
शत शत वंदन अभिनन्दन।

दर्शन,संस्कृति ,धर्म,साधना ,
श्रम रंजीत तेरा कण कण।

अभिनन्दन अभिनन्दन ,

उत्तराखंड देवभूमि ……

गंगा जमुना तेरा आँचल ,

दिव्य हिमालय तेरा शीश।

सब धर्मो की छाया तुझ पर

चार धाम देते आशीष।।

श्री बद्री केदारनाथ हैं , कलियर कुंड अति पावन।

अभिनन्दन अभिनन्दन उत्तराखंड देवभूमि …

अमर शहीदों की धरती , थाती वीर जवानो की।

आंदोलनों की जननी है ये ,कर्मभूमि बलिदानो की।

फुले फले तेरा यश वैभव , तुझ पर अर्पित है तन मन।

अभिनन्दन अभिनन्दन। ……

उत्तराखंड देवभूमि

रंगीली घाटी शोकों की या
मंडुवा झुंगुरा भट अन्न-धन
रुम-झुम-रुम-झुम, झुमैलो-झुमैलो
ताल, खाल, बुग्याल, ग्लेश‍ियर
दून तराई भाबर बण
भांट‍ि-भांटि लगै गुजर है चाहे
भांट‍ि-भांटि लगै गुजर है चाहे
फिर ले उछास भरै छै मैन
अभ‍िनंदन-अभ‍िनंदन
उत्तराखंड देवभूमि

गौड़ी-भैंस्यूंन गुंजदा गुठयार
ऐपण सज्यां हर घर हर द्वार
काम-धाण की धुरी बेटी ब्वारी
कला प्राण छन श‍िल्पकार
बण पुंगड़ा सेरा पंदेरो मां
बण पुंगड़ा सेरा पंदेरो मां
बंटणा छन सुख-दुख संग-संग
अभ‍िनंदन-अभ‍िनंदन
उत्तराखंड देवभूमि

कस्तूरी मृग, ब्रह्मकमल है
फ्यूंली, बुरांस, घुघती, मोनाल
रुम-झुम-रुम-झुम, झुमैलो-झुमैलो
ढोल नगाड़े, दमुवा हुड़का
रणसिंघा, मुरली सुर-ताल
जागर, हारुल, थड्या, झुमैलो
अभ‍िनंदन-अभ‍िनंदन
उत्तराखंड देवभूमि

कुंभ, हरेला, बसंत, फूलदेई
उत्तरैणी कौथिग नंदा जात
सुमन, केसरी, जीतू, माधो
चंद्रसिंह वीरों की थात
जियारानी तीलू रौंतेली
जियारानी तीलू रौंतेली
गौरा पर गर्व‍ित जन-जन
अभ‍िनंदन-अभ‍िनंदन
उत्तराखंड देवभूमि

दोस्तों यह था हमारा आजकल एक लेख। जिसमें हमने आपको उत्तराखंड का राज्य गीत ( Uttarkhand Rajya Geet) के बारे में जानकारी दी। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें। उत्तराखंड से संबंधित ऐसे ही जानकारी युक्त लेख पाने के लिए आप देवभूम में उत्तराखंड को जरूर फॉलो करें।

यह भी पढ़ें –


Spread the love

Leave a Comment

You cannot copy content of this page

×

Hello!

Click one of our contacts below to chat on WhatsApp

× Chat with us