हेलो दोस्तों स्वागत है आपका देवभूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में। आज के इस लिंक के माध्यम से हम आपको उत्तराखंड के प्रसिद्ध साहित्यकार सुमित्रानंदन पंत जीवन परिचय के बारे में ( Sumitranandan Pant Biography )जानकारी देने जाते हैं। देवभूमि उत्तराखंड में जन्मे ऐसे बहुत से साहित्यकार एवं महान पुरुष है जिनकी वजह से उत्तराखंड की छवि को एक अलग पहचान मिलती है उन्हीं लोगों में से एक है उत्तराखंड के प्रसिद्ध साहित्यकार सुमित्रानंदन पंत जो कि अपनी लेखनिया कल के लिए उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश विदेश में प्रसिद्ध है। इसलिए के माध्यम से हम आपको सुमित्रानंदन पंत जीवन परिचय एवं ( Sumitranandan Pant Biography ) सुमित्रानंदन पंत की प्रमुख रचनाएं. ( Major works of Sumitranandan Pant ) के बारे में जानकारी देने वाले हैं आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आएगा इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना।
सुमित्रानंदन पंत जीवन परिचय.Sumitranandan Pant Biography
प्रकृति के सुकुमार कवि के कहे जाने वाले उत्तराखंड के प्रसिद्ध साहित्यकार सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई 1900 को उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के कौसानी गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री गंगा दत्त पंत एवं माता का नाम श्रीमती सरस्वती देवी है व्यावसायिक रूप से यह एक कवि एवं लेखक है और मुख्य रूप से हिंदी साहित्य के लिए पहचाने जाते हैं।
प्रकृति की गोद में बसे उत्तराखंड के आंचल में एक ऐसा कभी भी उत्पन्न हुए जिन्होंने हिमालय के साथ कुर्वांचल को भी अमर बना दिया। प्रकृति का वह अनुपम चितेरा भाषा का अनन्य पारखी, भाव चित्रण में सम्मोहित कर देने वाला होता है।
इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कौसानी से स्कूल में की जिसके बाद इन्होंने अपनी उच्च शिक्षा मैट्रिक की पढ़ाई करने के लिए अपने बड़े भाई के साथ वाराणसी आ गए थे। वाराणसी पहुंचने के बाद 18 वर्ष की आयु में उन्होंने क्रिंस कॉलेज से पढ़ाई पूरी की। स्नातक की पढ़ाई करने के लिए वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय आ गए । उन्हीं के सुझाव पर ऑल इंडिया रेडियो का नाम आकाशवाणी बदल दिया गया। लेकिन उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी क्योंकि वहां महात्मा गांधी से प्रभावित हुए और वह सत्याग्रह आंदोलन में शामिल हुए। हालांकि वह घर पर अंग्रेजी हिंदी एवं संस्कृत भाषा का अध्ययन करते रहे।
सुमित्रानंदन पंत साहित्य करियर. Sumitranandan Pant Biography
उत्तराखंड के प्रसिद्ध साहित्यकार सुमित्रानंदन पंत को बचपन से ही लिखने का शौक था। सुमित्रानंदन पंत जी ने अपनी चौथी कक्षा से ही कविता लिखना शुरू कर दिया था तब वह मात्र 7 साल के थे। लगातार परिश्रम वेलफेयर वह 1918 तक एक प्रतिवादी प्राकृतिक कवि के तौर पर मशहूर हो गए थे। वह स्वयं कहते हैं कि 1960 से 1918 तक उन्होंने सिर्फ प्रकृति के आसपास समय बिताया था इसलिए उनकी साहित्य एवं कविताओं में प्रकृति का चित्रण बेखुदी से देखने को मिलता है।
उत्तराखंड के प्रमुख साहित्यकार सुमित्रानंदन पंत का प्रथम लेखन यानी कि पहला चरण वीणा था जो की 1927 में काव्य संग्रह में सम्मिलित हो रहा था। हिंदी साहित्य जगत को प्रसिद्ध कभी सुमित्रानंदन पंत ने अपनी कई अनुपम कृतियां दी है। उनकी कृतियों में न केवल प्रकृति का चित्रण देखने को मिलता है बल्कि उसे समय मौजूद लोगों के जीवन की कठिनाई का कर भी उन्होंने अपने शब्दों में अच्छे से व्यक्त किया है।
1922 में उनका पहला काव्य संग्रहालय उच्चावास प्रकाशित हुआ। उन्होंने अपनी रचनाओं में प्रकृतिवाद एवं रहस्यवाद के अलावा मार्क्सवाद का मतलब किया। मिथुन के प्रमुख साहित्यकार सुमित्रानंदन पंत का जीवन सत्यम शिवम सुंदरम से आदर्श प्रभावित था। जो कि समय के साथ बदलना जारी रहा। जबकि उन्होंने अपनी कुछ कृतियों में प्रकृति का चित्रण भी मधुर शब्दों में किया है।
सुमित्रानंदन पंत के प्रमुख सम्मान.Sumitranandan Pant’s Major Honors
1960 में सुमित्रानंदन पंत को साहित्य अकड़ में पुरस्कार मिला।
सन 1961 में उन्हें पद्म भूषण सम्मान प्राप्त हुआ।
हिंदी साहित्य के लिए उत्तराखंड के पहले वह कई है जिन्होंने 1968 में ( चिदंबरा ) के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त किया।
लोकायतन के लिए 1969 में उन्हें सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार भी प्राप्त हुआ।
सुमित्रानंदन पंत की प्रमुख रचनाएं.Major works of Sumitranandan Pant
दोस्तों अभी तक हम सुमित्रानंदन पंत जीवन परिचय ( Sumitranandan Pant Biography ) के बारे में जा चुके हैं चलिए एक नज़र उनके प्रमुख साहित्य की और भी नजर डालते हैं उनके द्वारा कौन-कौन सी प्रमुख रचनाएं लिखी गई है।
- वीणा (1919)
- ग्रंथि (1920)
- पल्लव (1926)
- गुंजन (1932)
- युगांत (1937)
- युगवाणी (1938)
- ग्राम्या (1940)
- स्वर्ण किरण (1947)
दोस्तों यह था हमारा आज का लेख जिसमें हमने आपको उत्तराखंड के प्रमुख साहित्यकार सुमित्रानंदन पंत जीवन परिचय ( Sumitranandan Pant Biography ) के बारे में जानकारी दी। आशा करते हैं कि आपको सुमित्रानंदन पंत का जीवन परिचय के बारे में जानकारी प्राप्त हो गई होगी। आपको यह जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें। उत्तराखंड से संबंधित ऐसे ही जानकारी युक्त लेख पाने के लिए देवभूमि उत्तराखंड को जरूर फॉलो करें।