मां कोकिला देवी मंदिर उत्तराखंड. Kokila Devi Temple Uttarakhand

Kokila Devi Temple Uttarakhand

नमस्ते दोस्तों स्वागत है आपका देवभूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में। आज के इस लेख के माध्यम से हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड का प्रसिद्ध मंदिर मां कोकिला देवी मंदिर के बारे में जानकारी (Kokila Devi Temple Uttarakhand) देने वाले हैं। देवभूमि उत्तराखंड में मां कोकिला के कई पावन धाम है । अपने पौराणिक इतिहास और धार्मिक मान्यताओं के लिए पहचाने जाते हैं। आस्था और भक्ति के प्रतीक इस मंदिर के प्रति आज भी लोगों का अटूट विश्वास देखने को मिलता है। इस लेख में हम मां कोकिला देवी मंदिर के बारे में संपूर्ण जानकारी साझा करने वाले हैं। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आएगा। इसलिए इसे अंत तक जरूर पढ़ना।

मां कोकिला देवी मंदिर उत्तराखंड. Kokila Devi Temple Uttarakhand

मां कोकिला जो देवी भगवती के नाम से भी जानी जाती है। उत्तराखंड की कुलदेवी मानी जाती है। मां कोकिला देवी मंदिर उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ में कोटा गाड़ी नामक एक गांव में स्थित है। प्रसिद्ध मां कोकिला देवी मंदिर अपनी धार्मिक मान्यता और इतिहास के लिए जानी जाती है।

मंदिर की स्थापना के पीछे बताया जाता है कि स्थानीय व्यक्ति को सपने में देवी के द्वारा व्यक्त की गई इच्छा के अनुसार मंदिर का निर्माण किया गया था। इस मंदिर में मां कोकिला देवी की प्रतिमा को ढक कर रखा जाता है। मंदिर के नीचे भूगर्भ से जल निकलता है और इस जल को गंगाजल के स्वरूप पवित्र माना गया है। स्थानीय लोगों के द्वारा इस पवित्र धारा से निकलता हुआ जल को घरों में ले जाया जाता है। मान्यता यह भी है कि इस जल स्रोत का पानी कभी नहीं घटता।

मां भगवती उत्तराखंड की न्याय की देवी (Kokila Devi Temple Uttarakhand)के रूप में भी पूजी जाती है। स्थानीय लोगों की मान्यता के अनुसार जब भी गांव के लोगों के बीच लड़ाई झगड़े होते हैं तो वह मां कोकिला मंदिर की मंदिर में न्याय के लिए आया करते हैं।

मां कोकिला मंदिर का रहस्य. Kokila Devi Mandir Rahasay

प्यारी पाठक हो हम सभी लोग जानते हैं कि किसी भी प्रसिद्ध धार्मिक स्थल के पीछे कोई ना कोई रहस्य जरूर छुपा होता है ठीक उसी प्रकार से मां कोकिला देवी मंदिर के पीछे भी रहस्य (Kokila Devi Mandir Rahasay) छुपा हुआ है। कोकिला को न्याय की देवी भी कहा जाता है। कहते हैं कि जब लोगों सब जगह से निराश होते हैं तो उसके बाद है मां के इस पावन धाम में आते हैं और मां से न्याय की गुहार लगाते हैं। और मां को केला देवी उन्हें न्याय जरूर दिलाती है। मंदिर का एक रहस्य (Kokila Devi Mandir Rahasay) यह भी है कि यहां पर लोग चिट्ठियों में अपने मन्नते मांग कर न्यायिक की गुहार लगाते हैं।

मंदिर के स्थानीय गांव के लोगों द्वारा माता कोकिला के नाम पर जंगलों को दिया गया है। जिस का सदुपयोग यहां के लोगों द्वारा पर्यावरण और जंगल को बचाने के लिए किया जाता है।

मां कोकिला देवी मंदिर पौराणिक मान्यता. Kokila Devi Mandir Manyta

प्यारे पाठको को केला देवी उत्तराखंड की न्याय की देवी के रूप में भी पूजी जाती है। देवी अपने भक्तों को न्याय जरूर दिलाती है। स्थानीय लोगों के अनुसार शाम ढलने के बाद कोटा गढ़ी गांव के पास स्थित पहाड़ियां फन उठाए खड़े होते हैं। जो कि ठीक नागों की तरह प्रतीत होते हैं मान्यता है कि प्राचीन काल में यह नागों की भूमि हुआ करती थी। इस मंदिर की चोटी से कभी भी गारूड आर पार नहीं जा सकते।

कोकिला देवी मंदिर की पौराणिक मान्यता के अनुसार (Kokila Devi Mandir Manyta) यह भी माना जाता है कि। इस मंदिर की शक्ति पर किसी शस्त्र के बाहर का गहरा निशान दिखाई देता है। इस शक्ति लिंग पर एक गाय आकर स्वयं दूध चढ़ा कर चली जाती है। जब गाय की मालकिन गाय के दूध न देने से परेशान होती है तो एक दिन वह गाय के पीछे यहां पहुंच जाती है और गाय को दुहाते देख लेती हैं।

उसने एक हथियार से उस शक्ति पर वार कर डाला इससे पृथ्वी की ओर खून की धाराएं बहने लगी। आज के समय में भी पृथ्वी पर खून की धारा स्वरूप प्रतीक होता है। मान्यता के अनुसार (Kokila Devi Mandir Manyta)आज के समय में भी इस शक्ति लिंग पर गांव के लोग दूध चढ़ाया करते हैं।

मां कोकिला देवी मंदिर कैसे पहुंचे. Kokila Devi Temple Kese Pahuchen

यदि हम भी मां कोकिला देवी मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो बताना चाहेंगे कि। मंदिर के दर्शन करने के लिए सड़क मार्ग सबसे अच्छा विकल्प है। सड़क मार्ग के माध्यम से कोटगाड़ी मंदिर पहुंचा काफी आसान है।

मां कोकिला देवी मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है यहां से लगभग 205 किलोमीटर की दूरी पर मां का पावन धाम स्थित है। यहां से आप प्राइवेट टैक्सी और बस के माध्यम से भी मां के दर्शन कर सकते हैं। कि बंदे का नजदीकी एयरपोर्ट नैनी सैनी हवाई अड्डा है यहां से मन्दिर 74 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

दोस्तों यह तो हमारा आज का लेख जिसमें हमने आपको मां कोकिला देवी मंदिर के बारे में जानकारी दी। यदि आपको यह नहीं पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें।

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