खोल दे माता भवानी धरमा केवाड़ा. Khol De Mata Bhawani Dharma Kewada

Khol De Mata Bhawani Dharma Kewada
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हेलो दोस्तों स्वागत है आपका देवभूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में। आज के आइल के माध्यम से हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड का प्रसिद्ध लोकप्रिय कुमाऊनी झोड़ा ” खोल दे माता भवानी धरमा केवाड़ा ” लोकगीत के बारे में। ” खोल दे माता भवानी धरमा केवाड़ा ” ( Khol De Mata Bhawani Dharma Kewada ) कुमाऊं का एक प्रसिद्ध जोड़ा गीत है जो की इष्ट देवी मां भगवती भवानी और भक्तों के बीच एक प्यारा सा रोचक संवाद प्रस्तुत करता है।

देवभूम में उत्तराखंड के आज के इस लेख में हम आपको ” खोल दे माता भवानी धरमा केवाड़ा ” ( Khol De Mata Bhawani Dharma Kewada) लोकप्रिय गीत के बोल बताने जा रहे हैं। आशा करते हैं कि आपको हमारी यह जानकारी पसंद आएगी। इसलिए को अंत तक जरूर पढ़ना।

गोरी गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़

खोल दे माता खोल भवानी धरम केवाड़ ।

कैले रैछै भेठ बैणा म्यारा दरबारा,

द्वी जौया बाकार लायूं प्यारा दरबारा ।

क्े लै रैछे भेट बैणा के खौलूं केवाड़,

द्वीवाड़ा निसाण लायूं प्यारा दरबारा ।

गोरि गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़

खोल दे माता खोल भवानी धरम केवाड़।

के ले रैछै भेट बैणा के खोलूं केवाड़,

चांदी को दियड़ो लायूं त्यारा दरबारा ।

खोल दे माता खोल भवानी धरम केवाड़ ।

गोरि गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़

दोस्तों यह प्रस्तुत कुमाऊनी झोड़ा एक लोकप्रिय झोड़ा है जो आज के समय में भी भक्तों के द्वारा मां भगवती के प्रांगण में गया जाता है। इस झोड़ा लोकगीत का मुख्य विशेषता यह है की झोड़ा गीत को गाते समय महिला और पुरुषों के द्वारा एक गोल घिरा झुंड बनाकर हुडके की ताल पर अपने पद संचालक के साथ गाते हैं।

इस लोकप्रिय झोड़ा में तो के द्वारा माता के द्वार पर जाकर विनती करता है कि हे देवी ! आपका भक्त आपके द्वार पर आया है आप अपने धाम के किवाड़ खोलकर हमारी भेंट को स्वीकार करें। भक्तों की विनती करने पर माता के द्वारा उन्हें पूछा जाता है कि बेटा क्या भेट लेकर आए हो जो मैं अपने द्वारा आपके लिए खोलूँ। जवाब में भक्तों के द्वारा एक सुंदर सा जवाब दिया जाता है कि मन में आपके लिए फूल पाती की भेंट लेकर आया हूं। इस तरीके से यह खूबसूरत सा संवाद एक लोकप्रिय गीत के माध्यम से पूरा होता है।

आज के समय में भी उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराएं काफी प्रसिद्ध और चर्चित है। मैं केवल राज्य के अंदर ही बल्कि देश और विदेशों में भी उत्तराखंड में रहने वाले लोग बेखुदी से अपनी संस्कृति और परंपराओं को निभाते हैं।

दोस्तों यह था हमारा आज के लिए जिसमें हमने आपको उत्तराखंड कुमाऊं का प्रसिद्ध लोकगीत ” खोल दे माता भवानी धरमा केवाड़ा ” ( Khol De Mata Bhawani Dharma Kewada ) के बारे में जानकारी दी। आशा करते हैं कि आपको उत्तराखंड की संस्कृति से जुड़ा हुआ यह लोकगीत काफी पसंद आया होगा। यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें और उत्तराखंड से संबंधित ऐसे ही जानकारी युक्त लेख पाने के लिए आप देवभूम में उत्तराखंड को जरूर सब्सक्राइब करें।

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