नमस्ते दोस्तों देव भूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में आपका स्वागत है। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको उत्तराखंड के जिलों के बारे में जानकारी देने वाले हैं। देवभूमि उत्तराखंड भारत का एक पर्वतीय राज्य है जोकि अपने इतिहास और सांस्कृतिक परंपराओं के अलावा यहां के पर्यटन और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में कितने जिले हैं यह प्रश्न हमेशा हमारे पाठकों को चिंतित करता है। इसलिए आज हम आपको उत्तराखंड के जिलों के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आएगा इसलिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ना।
उत्तराखंड के जिले. Uttarakhand Ke Jille
प्यारे पाठको देवभूमि उत्तराखंड भारत का एक प्रसिद्ध राज्य है जो कि अपनी सांस्कृतिक छवि के लिए पूरे देश विदेश में मशहूर है। देश विदेश का हर एक नागरिक उत्तराखंड की संस्कृति और कला को जानने के लिए उत्सुक है। जाहिर सी बात है कि उत्तराखंड के जिलों के बारे में जानना भी उनके लिए अनिवार्य है।
उत्तराखंड राज्य को उत्तर प्रदेश राज्य से पृथक करके एक अलग राज्य बनाया गया 9 नवंबर सन 2000 को यह एक पृथक राज्य उत्तराखंड के रूप में सामने आया। लेकिन 2007 से पहले इसका नाम उत्तरांचल था जिसे बदलकर उत्तराखंड किया गया।
उत्तराखंड में कुल 13 जिले हैं और इन 13 जिलों के मुख्यालय भी बनाए गए हैं। जिनका कार्य राज्य के सर्वांगीण विकास में सहयोग करना है। उत्तराखंड के अधिकांश जिले पर्वतीय है जबकि राज्य के विकासशील जिले शहरी क्षेत्र में है।
उत्तराखंड के 13 जिलों के नाम. Uttarakhand Ke Jille Ke Naam
उत्तराखंड के 13 जिलों के नाम कुछ इस प्रकार से है
- नैनीताल
- पौड़ी गढ़वाल
- टिहरी गढ़वाल
- उत्तरकाशी
- पिथौरागढ़
- रुद्रप्रयाग
- उधम सिंह नगर
- अल्मोड़ा
- बागेश्वर
- चमोली
- चम्पावत
- देहरादून
- हरिद्वार
उत्तराखंड के मंडल. Uttarakhand Ke Mnadal
प्यारे पाठको उत्तराखंड राज्य को तीन मंडलों में विभाजित किया गया है। जिसके आधार पर इसके जिलों को तीन भागों में बांटा गया है ।
- कुमाऊं मंडल
- गढ़वाल मंडल
- गैरसैन मंडल
कुमाऊं मण्डल. Kumaoun Mandal
दोस्तों जैसा कि हम आपको पहले भी बता चुकी है कि उत्तराखंड राज्य बनने से पहले भी राज्य में 2 मंडल गढ़वाल और कुमाऊं मंडल शामिल थे उन्हीं में से एक है कुमाऊं मंडल। कुमाऊँ मंडल की स्थापना 1854 में हुई थी। स्थापना के समय कुमाऊं मंडल में 6 जिले शामिल थे लेकिन गैरसैण तीसरा मंडल बनने के बाद इसमें कुल 4 जिले आते हैं।
कुमाऊं मंडल के जिले. Kumaun Mandal Ke Jille
- नैनीताल
- पिथौरागढ़
- चंपावत
- उधम सिंह नगर।
गढ़वाल मंडल. Garhwal Mandal
गढ़वाल मंडल की स्थापना सन 1969 को हुई थी। गढ़वाल मंडल की स्थापना के समय इस में कुल 7 जिले शामिल थे। लेकिन जब गैरसैण उत्तराखंड का तीसरा मंडल के रूप में सामने आया तो गढ़वाल मंडल में कुल 5 जिले शामिल है ।
गढ़वाल मंडल के जिले. Garhwal Mandal Ke Jille
- उत्तरकाशी
- देहरादून
- पौड़ी गढ़वाल
- टेहरी गढ़वाल
- हरिद्वार।
गैरसैण मंडल. Gairsen Mandal
सन 2021 में जब गैरसैण उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के लिए बात सामने आई तो इसके नजदीकी जिले के लोगों द्वारा इसे उत्तराखंड का तीसरा मंडल बनाने के लिए मांग की गई। जिसके फल स्वरुप है यह 2021 में उत्तराखंड का तीसरा मंडल गैरसैंण के रूप में सामने आया। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल से अलग किए गए जिलों को गैरसैण मंडल में शामिल किया गया। वर्तमान समय में गैरसैण मंडल में 4 जिले शामिल है।
गैरसैण मंडल के जिले. Gairsen Mandal Ke Jille
- रुद्रप्रयाग
- चमोली
- अल्मोड़ा
- बागेश्वर
उत्तराखंड के जिले F&Q
Q – क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तराखंड के बड़े जिले
2 -चमोली – 7692 वर्ग किलोमीटर
3 – पिथौरागढ़ – 7110 वर्ग किलोमीटर
4 – पौड़ी गढ़वाल – 5438 वर्ग किलोमीटर
5 -टिहरी गढ़वाल – 4085 वर्ग किलोमीटर
Q – जनसंख्या की दृष्टि से उत्तराखंड के बड़े जिले
2 – देहरादून – 1,695,860
3 – उधम सिंह नगर – 1,648,367
4 – नैनीताल – 955,128
5 – पौड़ी गढ़वाल – 686,572
Q – उत्तराखंड के जिलों की स्थापना
चमोली – गठन – 1960
चम्पावत – गठन – 1997
देहरादून – गठन – 1817
हरिद्वार – गठन – 1988
Q – उत्तराखंड में कितने गांव हैं
Q – उत्तराखंड में कितने तहसील हैं
Q – उत्तराखंड में नए जिले
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