पप्पू कार्की जीवन परिचय. Pappu Karki Jiwan Parichay

Pappu Karki Jiwan Parichay

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका देव भूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में आज के इस लेख के माध्यम से हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड के प्रसिद्ध गायक पप्पू कार्की के बारे ( Pappu Karki Jiwan Parichay ) में जानकारी देने वाले हैं आशा करते हैं दोस्तों की आपको यह लेख पसंद आएगा इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना।

प्यारे दोस्तों जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि इस पवित्र सृष्टि में हर किसी इंसान का जन्म होता है। और यह सृष्टि केवल उन जनों को स्मरण करती है जो कि इस देश के लिए इस धरती के लिए कुछ खास एवं इतिहास रच कर जाते हैं। जिनकी पहचान युगो युगो तक चलती है।

उन्हीं प्रमुख लोगों में से एक हैं पप्पू कार्की जिनके बारे में ( Pappu Karki Jiwan Parichay ) आज हम आपको देवभूमि उत्तराखंड के माध्यम से जानकारी देना चाहते हैं। पप्पू कार्की का संपूर्ण जीवन परिचय जाने के लिए इस लेख को अंतरू पढ़ना।

पप्पू कार्की जीवन परिचय. Pappu Karki Jiwan Parichay

पप्पू कार्की का जन्म भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित पिथौरागढ़ जिले में सन जून 30 1984 को हुवा । ( Pappu Karki Biography ) इनकी माता का नाम श्रीमती कमला देवी एवं इनके पिता का नाम श्रीकृष्ण सिंह कार्की है। पेशावर से वह एक उत्तराखंड के लोक गायक के रूप में जाने जाते थे।

पप्पू कार्की की स्कूली शिक्षा दीक्षा पिथौरागढ़ में हुई। शिक्षा में एक होनहार छात्र होने के साथ-साथ पढ़ाई में हमेशा वह अबल आते थे। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई कल बेरीनाग से की।

सिंगिंग करियर. Pappu karki Singing Carrier

पप्पू कार्की स्कूल समय से ही संगीत में रुचि रखते थे। संगीत में रुचि के माध्यम से ही वह एक सफल लोक गायक बन पाए। स्कूल के समय में उन्हें श्री कृष्ण सिंह कार्की ( Pappu Karki Biography ) का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। संगीत के प्रति इच्छा एवं रुचि होने के कारण उन्होंने संगीत को ही अपना कैरियर माना इसी क्षेत्र में काम करने का प्रयास किया।

संगीत के प्रति रुचि होने के साथ-साथ वह इसमें लगातार प्रयास करते रहे संगीत जगत में उन्होंने अपने कदम सन 1989 में रखे। उनकी है शुरुआत रामा कैसेट के साथ हुई जिसमें उन्होंने न्यूली की रिकॉर्डिंग की थी। गायक पप्पू कार्की का यह साल थोड़ा मुसीबतों से भरा हुआ। दिल्ली में नौकरी करने के साथ-साथ वह संगीत के साथ जुड़े रहे और सन 2010 में उनकी एक एल्बम “झम्म लागदी” दुनिया के सामने आई जिसमें उन्होंने लोगों का प्रेम पाकर इस एल्बम को ऊंचाई तक पहुंचाया।

इस एलबम के बाद उन्हें गाने के लिए कांटेक्ट मिलते रहे और आज के समय में उनके कई ऐसे सुपरहिट गाने हैं जो कि उत्तराखंड के लोगों द्वारा सदाबहार माने जाते हैं और सुपरहिट भी है। आज जब भी उनकी गानों की मधुर आवाज कानों में गूंजती है तो उनकी याद हमेशा ही दिल को छू जाती है।

पप्पू कार्की के सुपरहिट गाने. Pappu Karki Song

पप्पू कार्की जी ने अपने जीवन में कई सुपर हिट गाने (( Pappu Karki Songs ) अपनी मधुर आवाज में गाए हैं जिन्हें आज भी जब लोगों के द्वारा सुने जाते हैं तो उनकी एक प्यारी सी छवि आंखों में जरूर झलकती है। पप्पू कार्की के गाने मैं केवल उस समय के समय अवधि से जुड़े हुए थे बल्कि उनके गानों में उत्तराखंड की कला और संस्कृति को अच्छे से प्रदर्शित किया गया है। एक तरफ उत्तराखंड की संस्कृति तो एक तरफ उत्तराखंड के लोगों के कड़ी मेहनत को बड़ी बेखुदी से उन्होंने अपने गाना में ( Pappu Karki song ) उपयोग किया है। पप्पू कार्की के सुपरहिट गाने इस प्रकार से हैं।

  • सिलगड़ी का पाला चाला
  • पहाड़ों ठंडो पानी
  • तेरी रंगीली पिचोड़ी
  • छम छम बाजलि हो
  • देवी भगवती मैया
  • तवे मेरी माया मोहनी
  • बसंती छोरी
  • चम्पावत की रश्मी बाना

पप्पू कार्की के प्रमुख सम्मान. Pappu Karki Awards

प्रसिद्ध गायक पप्पू कार्की को दिल्ली में आयोजित सन 2006 में उत्तराखंड आइडल में भाग लिया और इस कार्यक्रम में उन्होंने अपनी मधुर आवाज के प्रदर्शन से लोगों का भाव विभोर लिया। इस कार्यक्रम उत्तराखंड आइडल मैं उन्होंने दूसरा स्थान प्राप्त किया।

सन 2009 में गायक पप्पू कार्की द्वारा मसूरी में आयोजित एक अवार्ड समारोह में सर्वश्रेष्ठ नवोदित लोक गायक का अवार्ड भी मिला। वही देखे तो सन 2014 में गायक पप्पू कार्की जी को यूके अवार्ड से सम्मानित किया गया।

गायक पप्पू कार्की जी को सन 2015 में मुंबई में गोपाल बाबू गोस्वामी अवार्ड भी प्राप्त हुआ।

दोस्तों यह था हमारा आज का लेख जिसमें हमने आपको प्रसिद्ध गायक पप्पू कार्की जी के बारे में ( Pappu Karki Biography ) जानकारी प्रदान की आशा करते हैं की दोस्तों आपको यह लेख पसंद आया होगा। आपको यह लेख कैसा लगा हमें कमेंट के माध्यम से बताएं और यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें। ऐसे ही जानकारी युक्त लेख पाने के लिए देवभूमि उत्तराखंड को जरूर फॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *