हेलो दोस्तों स्वागत है आपका देवभूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में। बात करने वाले हैं उत्तराखंड का पिंडारी ग्लेशियर ( Pindari Glacier Uttarakhand) के बारे में। दोस्तों जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि दिव्या में उत्तराखंड अपने खूबसूरत सी पर्यटन स्थलों के अलावा यहां की संस्कृति और परंपराओं के लिए पहचानी जाती है। यहां के पर्यटन स्थल केवल एडवेंचर से जुड़े गतिविधियों के लिए होती है बल्कि यहां के पर्यटन स्थल आपको खूबसूरत से बर्फ से ढके चोटियों के दर्शन भी करता है। कि इस वीक में हम बात करने वाले हैं उत्तराखंड का पिंडारी ग्लेशियर के बारे में ( Pindari Glacier Uttarakhand ) आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आएगा इसलिए इस लाइक को अंत तक जरूर पढ़ना।
पिंडारी ग्लेशियर उत्तराखंड. Pindari Glacier Uttarakhand
उत्तराखंड के कुमाऊं जनपद में स्थित पिंडारी ग्लेशियर ( Pindari Glacier Uttarakhand ) समुद्र तल से 3660 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बागेश्वर जिले में स्थित एक खूबसूरत सा ग्लेशियर है जो की अलकनंदा और नंदा कोट पर्वत की चोटियों के बीच विद्यमान है । पिंडारी ग्लेशियर से ही पिंडर नदी का उद्गम होता है जो कि आगे बढ़कर गढ़वाल क्षेत्र के कारण प्रयाग में अलकनंदा नदी से संगम करती है।
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण पिंडारी ग्लेशियर एडवेंचर के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यहां का शांत वातावरण यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। प्रकृति के इस खूबसूरत से जग में रहकर आप चिड़ियाओं की मधुर एवं सुरीली ध्वनियों को सुन सकते हैं।
पिंडारी ग्लेशियर कैसे पहुंचे. How To Reach Pindari Glacier
यदि आप भी पिंडारी ग्लेशियर पहुंचाना चाहते हैं और पिंडारी ग्लेशियर कैसे पहुंचे के बारे में जानना चाहते हैं तो हम आपको बताना चाहेंगे कि बागेश्वर से मात्र 38 किलोमीटर की दूरी पर सॉन्ग गांव पड़ता है। सॉन्ग गांव से पिंडारी ग्लेशियर की यात्रा शुरू होती है। इस खूबसूरत सी यात्रा का पहला पढ़ाओ लोहार खेत पड़ता है लोहार खेत से धाकुडी के लिए ट्रैक बनाया गया है जिसके माध्यम से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी तय करने पर खकरिया मोटर मार्ग तक पहुंच जाता है। धाकुडी आसपास के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यह जगह ट्रैकिंग के लिए भी पहचानी जाती हैं। यहां रुकने के लिए आपको उचित व्यवस्था मिल जाएगी यहां पर कई तरह के गेस्ट हाउस बनाए गए हैं क्योंकि पर्यटकों को सभी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करते हैं।
खाती गांव यात्रा का अगला पड़ाव रहता है खाती गांव समुद्र तल से 2210 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह गांव पिंडारी ग्लेशियर की यात्रा पर पड़ने वाला आखिरी गांव है और यही से सुंदरदूंगा ग्लेशियर और पिंडारी ग्लेशियर जाने के लिए तो अलग-अलग रास्ते देखने को मिलते हैं। पूरी तय करने के बाद आपको द्वाली नाम की एक खूबसूरत सी जगह देखने को मिलती है जहां पर पिंडर नदी और कफनी नदी का संगम होता है। द्वाली लगभग 5 किलोमीटर की दूरी तय करने पर फुर्किया आता है यहां पर भी रहने के लिए गेस्ट हाउस बनाए गए हैं।
इनडायरेक्ट ग्लेशियर से लगभग 1 किलोमीटर पहले स्वामी धर्मानंद जी की एक कुटिया आती है जो कि स्वामी धर्मानंद पिंडारी बाबा के नाम से मशहूर है। धर्मानंद पिंडारी ग्लेशियर में 20 वर्षों से निवास कर रहे हैं। पिंडारी ग्लेशियर पहुंचने के बाद आप यहां के खूबसूरत एवं मनमोहक हास्य का आनंद ले सकते हैं।
पिंडारी ग्लेशियर घूमने का सबसे अच्छा समय । Best Time To Travel Pindari Glacier
दोस्तों पिंडारी ग्लेशियर घूमने का सबसे अच्छा समय अगस्त से सितंबर माह के बीच माना जाता है। समय यहां का मौसम काफी सुहाना बने रहने के साथ-साथ चारों तरफ हरियाली फैली रहती है और सुंदर से घाटी और बुग्यालों में विभिन्न तरह के फूल एवं पेड़ पौधे खिले हुए देखने को मिलते हैं। इस दौरान यहां की यात्रा करने पर आपको प्रकृति के खूबसूरत से मनमोहन हास्य देखने को मिलते हैं।
दोस्तों यह था हमारा आज का लेख जिसमें हमने आपको पिंडारी ग्लेशियर के बारे में ( Pindari Glacier Uttarakhand) जानकारी दी। करते हैं कि आपको पिंडारी ग्लेशियर के बारे में जानकारी मिल गई होगी। आप को यह लेख कैसा लगा हमें टिप्पणी के माध्यम से बताएं। और उत्तराखंड से संबंधित ऐसे ही जानकारी युक्त लेख पाने के लिए देवभूमि उत्तराखंड को जरूर फॉलो करें।
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