नमस्ते दोस्तों । देवभूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में आपका स्वागत है। आज के इस ले के माध्यम से हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड के मंडल के बारे में ( Uttarakhand Ke mandal) जानकारी देने वाले हैं। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि उत्तराखंड मंडलों में विभाजित है और प्रत्येक मंडल में जिलों को रखा गया है। आज के इस लेख में हम आपको उत्तराखंड के मंडल के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आएगा इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना।
उत्तराखंड के मंडल. Uttarakhand Ke mandal
प्यारे पाठको उत्तराखंड राज्य को तीन मंडलों में विभाजित किया गया है।
- कुमाऊं मंडल
- गढ़वाल मंडल
- गैरसैन मंडल
उत्तराखंड विभाजन के बाद यानी कि जब उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग किया गया तो यहां के लोगों द्वारा उत्तराखंड राज्य को 2 मंडलों में विभाजित किया गया । हालांकि एक नया राज्य बनने से पहले भी राज्य में 2 मंडल गढ़वाल और कुमाऊं मंडल शामिल थे।
लेकिन जब से गैरसेन उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की मांग की गई तब से गैरसैण को उत्तराखंड का तीसरा मंडल के रूप में भी स्थान प्राप्त है। चलिए इन तीनों मंडलों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कुमाऊं मण्डल. Kumaun mandal
दोस्तों जैसा कि हम आपको पहले भी बता चुकी है कि उत्तराखंड राज्य बनने से पहले भी राज्य में 2 मंडल गढ़वाल और कुमाऊं मंडल शामिल थे उन्हीं में से एक है कुमाऊं मंडल। कुमाऊँ मंडल की स्थापना 1854 में हुई थी। स्थापना के समय कुमाऊं मंडल में 6 जिले शामिल थे लेकिन गैरसैण तीसरा मंडल बनने के बाद इसमें कुल 4 जिले आते हैं।
कुमाऊं मंडल के जिले. Kumaoun Madal Ke Jile
- नैनीताल
- पिथौरागढ़
- चंपावत
- उधम सिंह नगर।
गढ़वाल मंडल. Garhwal Mandal
गढ़वाल मंडल की स्थापना सन 1969 को हुई थी। गढ़वाल मंडल की स्थापना के समय इस में कुल 7 जिले शामिल थे। लेकिन जब गैरसैण उत्तराखंड का तीसरा मंडल के रूप में सामने आया तो गढ़वाल मंडल में कुल 5 जिले शामिल है ।
गढ़वाल मंडल के जिले. Garhwal Mandal Ke Jile
- उत्तरकाशी
- देहरादून
- पौड़ी गढ़वाल
- टेहरी गढ़वाल
- हरिद्वार।
गैरसैण मंडल. Gairsen Mandal
सन 2021 में जब गैरसैण उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के लिए बात सामने आई तो इसके नजदीकी जिले के लोगों द्वारा इसे उत्तराखंड का तीसरा मंडल बनाने के लिए मांग की गई। जिसके फल स्वरुप है यह 2021 में उत्तराखंड का तीसरा मंडल गैरसैंण के रूप में सामने आया। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल से अलग किए गए जिलों को गैरसैण मंडल में शामिल किया गया। वर्तमान समय में गैरसैण मंडल में 4 जिले शामिल है।
गैरसैण मंडल के जिले. Gairsen Mandal K Jile
- रुद्रप्रयाग
- चमोली
- अल्मोड़ा
- बागेश्वर
दोस्तों यह था हमारा आज का लेख जिसमें हमने उत्तराखंड के मंडल के बारें में बात की है। आशा करते है की आपको हमारा यह लेख पसंद आएगा , आपको यह लेख कैसा लगा हमें टिप्पणी के माध्यम से बातें।
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उत्तराखंड के मंडल F&Q
Ans – वर्तमान समय में उत्तराखंड में तीन मंडल गढ़वाल, कुमाऊं और गैरसैंण के रूप में विख्यात है। सन 2021 से पहले गैरसैण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी से पहले उत्तराखंड में 2 मंडल गढ़वाल और कुमाऊं मंडल शामिल थे।
Ans – उत्तराखंड में कुल 13 जिले हैं एवं उत्तराखंड राज्य को तीन मंडलों में विभाजित किया गया है। इन तीनों मंडलों में 13 जिले शामिल है।
Ans – कुमाऊं मंडल के चार जनपद गढ़वाल मंडल की सीमा को स्पर्श करते हैं। यह जिले अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर और चमोली है।
Ans – गैरसैण मंडल की स्थापना सन 2021 में की गई इसमें कुल 4 जिले शामिल है। गैरसैण को उत्तराखंड के ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के क्रम में इसके नजदीकी जिला द्वारा इसे उत्तराखंड का तीसरा मंडल बनाने को लेकर मांग की गई।
Ans – उत्तराखंड राज्य में कुल 3 मंडल शामिल है,
1. गढ़वाल मंडल
2. कुमाऊँ मंडल
3. गैरसैण मंडल
Ans – कुमाऊं मंडल के स्थापना सन 1854 में हुई और वर्तमान समय में इसमें कुल 4 जिले शामिल है।
Ans – गढ़वाल मंडल की स्थापना सन 1969 को हुई थी. गैरसैण के रूप में नया मंडल बन जाने के कारण वर्तमान समय में गढ़वाल मंडल के अंदर 5 जिले आते हैं।
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