हेलो दोस्तों में स्वागत है आपका देवभूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में। इस लेख में हम बात करने वाले हैं मुरली मनोहर जोशी के जीवन परिचय के बारे में ( Murli Manohar Joshi Biography) । जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि इस देवभूमि में अनेकों ऐसे महान पुरुषों ने जन्म लिया है जो अपने महान कार्यों के लिए पहचाने जाते हैं। उनके इतिहास में आज भी उन महान पुरुषों का नाम उनके कार्यों के साथ स्मरण किया जाता है। महान पुरुषों में से एक है उत्तराखंड के मुरली मनोहर जोशी जो की एक महान राजनीतिक एवं एक महान पुरुष के तौर पर उत्तराखंड में अपनी छवि बनाए हुए हैं। लेख में हम आपको मुरली मनोहर जोशी के जीवन परिचय के बारे में ( ( Murli Manohar Joshi Biography) ) जानकारी देने वाले हैं। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आएगा इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना।
मुरली मनोहर जोशी जीवन परिचय. Murli Manohar Joshi Biography
मनोहर जोशी का जन्म 5 जनवरी 1934 को दिल्ली में हुआ लेकिन यह आमतौर के उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मूल निवासी माने जाते हैं। मुरली मनोहर जोशी ( ( Murli Manohar Joshi Biography) ) के पिता का नाम श्री मनमोहन सिंह जोशी था एवं उनकी पत्नी का नाम श्रीमती करना जोशी था उनकी दो बच्चे हैं और व्यावसायिक तौर पर यहां राजनीतिक एवं शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हैं। मुरली मनोहर जोशी भाजपा के वरिष्ठ नेता के रूप में भी पहचाने जाते हैं वह एक कुशल एवं राष्ट्रवादी चिंतक राजनेता और एक अच्छे लेखक के रूप में भी पहचाने जाते हैं।
मुरली मनोहर जोशी प्रारंभिक जीवन. Murli Manohar Joshi early life
मुरली मनोहर जोशी का जन्म दिल्ली में हुआ लेकिन यह मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं इन्होंने अपने प्रारंभिक शिक्षा उत्तराखंड से ही की और स्नातक की डिग्री हासिल करने के लिए वह मेरठ कॉलेज आ गए थे वहां से इन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और आगे के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परम स्नातक में एम.एस.सी में भौतिक विज्ञान की डिग्री हासिल की थी। मुरली मनोहर जोशी हिंदी के अच्छे जानकारी माने जाते थे उनका शोध का विषय स्पेक्ट्रोस्कॉपी था और इन्होंने हिंदी भाषा में अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया था । इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से लेक्चर बनाकर अध्ययन के क्षेत्र में उतरे और 1994 में प्राध्यापक और विभाग अध्यक्ष भौतिक विज्ञान के सेवा पद से निवृत हुए।
1944 में अपनी सेवा पूर्ण करने के बाद वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ कार्यकर्ता के रूप में परिचित हुई। रस से प्रतिबंध हटाने के दौरान सत्याग्रह करने वाले पर 1948 में बंदी बनाए गए थे। और 1957 में भारतीय जन संघ की सदस्यता का ग्रहण की थी। बात उसे समय की है जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री के आपातकाल में 26 जून 1975 से 1977 तक मीसा के अंतर्गत बंदी बन रहे।
मुरली मनोहर जोशी का राजनीतिक जीवन. Political life of Murli Manohar Joshi
मुरली मनोहर जोशी का राजनीतिक जीवन के बारे में कहा जाता है कि अपनी अवस्था से ही उनके अंदर राजनीति के गुण विद्यमान थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहने और गौ रक्षा संबंधी आंदोलन में भागीदारी लेने के साथ उन्होंने राजनीतिक के क्षेत्र में जानकारी हासिल की और धीरे-धीरे वह राजनीति से जुड़ते चले गए। 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी के स्थापना हुई तो उसे समय मुरली मनोहर जोशी ने अपना पूर्ण सहयोग दिखाकर आगे आए और उनके अच्छे सहयोग को देखकर पार्टी ने उन्हें अध्यक्ष बनाया गया था।
1966 में जब भारतीय जनता पार्टी को 13 दिनों के लिए सरकार बनाई गई थी तो मुरली मनोहर जोशी देश के गृहमंत्री की जिम्मेदारी भी संभाले हुए थे और 13 दिनों के लिए वह गृहमंत्री के रूप में कार्य करते रहे। 2004 की लोकसभा चुनाव में वह जीत हासिल ना कर सके लेकिन एक कुशल राजनीतिक के गुण उनके पास विद्यमान थे 2014 के लोकसभा चुनाव में मुरली मनोहर जोशी ने बनारस से चुनाव लड़ा और वहां से जीत हासिल की. बाद में उन्हें यह सीट नरेंद्र मोदी जी के लिए खाली करनी पड़ी। प्रबल समर्थक होने के कारण कई लोग उन्हें कट्टरपंथी कहकर पुकारते थे। बात है सन 1992 की जब भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष रहते हुए इन्होंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक एकता यात्रा की और आतंकवाद के खिलाफ श्रीनगर के लाल चौक में राष्ट्रीय झंडा फहराया था। कुल मिलाकर हम कह सकते है कि मुरली मनोहर जोशी एक एक महान व्यक्तित्व वाले राजनीतिक नेता भी थे।
मुरली मनोहर जोशी के प्रमुख सम्मान. Major honors of Murli Manohar Joshi
- 2017 में मुरली मनोहर जोशी को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था
दोस्तों यह था हमारा आजकल एक जिसमें हमने आपको मुरली मनोहर जोशी ( Murli Manohar Joshi Biography) के बारे में जानकारी दी। दोस्तों आशा करते हैं कि आपको मुरली मनोहर जोशी के जीवन परिचय के बारे में जानकर अच्छा लगा होगा। आपको यह लेख कैसा लगा हमें टिप्पणी के माध्यम से बताएं उत्तराखंड से संबंधित ऐसे ही जानकारी युक्त लेख पाने के लिए आप देवभूमि उत्तराखंड को जरूर फॉलो करें।
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