नीम करोली बाबा के चमत्कार. Miracles of Neem Karoli Baba

Spread the love

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका देवभूमि उत्तराखंड के आज के नए लेख में। आज के इस लेख में हम आपको नीम करोली बाबा के चमत्कारों के बारे में जानकारी देने वाले हैं। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि नीम करोली बाबा उत्तराखंड में कितनी प्रसिद्ध है और नीम करोली बाबा मंदिर की उत्तराखंड में कितनी मान्यता है। आज के इस लेख में हम आपको नीम करोली बाबा के प्रमुख चमत्कार के बारे में ( Major miracles of Karoli Baba) बात करने वाले हैं । दोस्तों आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आएगा इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना।

नीम करोली बाबा के बारे में. About Neem Karoli Baba

दोस्तों नीम करोली बाबा की चमत्कारों के बारे में Major miracles of Karoli Baba) जाने से पहले हमें नीम करोली बाबा के बारे में भी जान लेना चाहिए तो आपकी आपको और आसानी से नीम करोली बाबा जी के चमत्कारों के बारे में जानकारी मिल सके।
नीम करोली बाबा का जन्म 1900 के करीब उत्तर प्रदेश की अकबरपुर में हुआ था। मां का नाम दुर्गा प्रसाद था जबकि नीम करोली बाबा का वास्तविक नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था लेकिन नीम करोली बाबा जब तक जिंदा थे लोग उन्हें लक्ष्मण दास हांडी वाले बाबा और तलईया बाबा जैसे नाम से पुकारते थे। नीम करोली बाबा को भगवान हनुमान जी का साक्षात रूप माना जाता था और पूरे देश विदेश में उनके काफी प्रशंसक थे यहां तक की 1960 और 1970 के दशक में आए भारत की यात्रा करने वाले कई अमेरिकियों के गुरु भी थे। और के मंत्र दर्शन करने से ही श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। यह नीम करोली बाबा के प्रसिद्ध मंदिर नैनीताल में में विराट कोहली अनुष्का शर्मा एवं फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और एक अमेरिकी बिजनेसमैन स्ट्रिव जॉब्स से प्रचलित लोग भी बाबा नीम करोली के दर्शन कर चुके हैं। इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि नीम करोली बाबा का स्थान उत्तराखंड में कितना महत्वपूर्ण है।

करोली बाबा के प्रमुख चमत्कार. Major miracles of Karoli Baba

नीम करोली बाबा के द्वारा बहुत से ऐसे कार्य किए गए हैं जिन पर यकीन करना वाकई में मुश्किल होता है लेकिन यह सच्ची घटनाएं लोगों की जुबान से सुनी जा सकती है और इन्हीं चमत्कारों के कारण नीम करोली बाबा ( Major miracles of Karoli Baba) उत्तराखंड में इतने प्रसिद्ध है कि देश विदेश से भी उनके प्रशंसक दर्शन के लिए आते हैं।

भंडारी में घी कम पर जाने की कहानी

बाबा नीम करोली की कैंची धाम में हमेशा भंडारे चलते रहते हैं और यह भंडारे आज के समय में भी चलते। एक बार की बात है अचानक से भंडारे में घी की कमी पड़ गई बाबा की सेवक परेशान हो गए अब क्या करें तब वे बाबा दीप करौली के पास गए उनको अपनी समस्या बताइए तब बाबा ने कहा शिप्रा का जल डाल दो वह भी घी के समान ही है। बाबा का आदेश मानते हुए उनके सेवक बगल में बह रही शिप्रा से कनस्तर में पानी भर कर लाए तो देखा कि वह पानी घी में परिवर्तित हो गया।

कुवे का खारा पानी मीठा हो गया

फर्रुखाबाद में एक कुआं था। नीम करोली बाबा का जन्म भी फर्रुखाबाद में माना जाता है । कहां जाता है कि एक समय बाबा नीम करोली जी फर्रुखाबाद की यात्रा कर रहे थे और किसी ने बताया कि यहां पर एक कुआं है जिसका पानी बहुत खारा है। नीम करोली बाबा ने अपने एक शिष्य को आदेश दिया कि इस कुएं में एक बोरी चीनी डाल दो यह पानी मीठा हो जाएगा। कहीं बी जब कुएं का पानी को देखा गया तो वह पीने योग्य हो चुका था। इस घटना से वहां के लोग बाबा नीम करोली के बहुत बड़े श्रद्धालु हो गए।

बाबा लक्ष्मण दास पुरी स्टेशन का निर्माण

एक समय की बात है बाबा ट्रेन से यात्रा कर रहे थे इस समय बाबा नीम करोली की बिना टिकट के यात्रा कर रहे थे। यात्रा शुरू होने के बाद बीच में टिकट चक्कर आया और बाबा नीम करौली के पास टिकट न होने के कारण उन्होंने गाड़ी को रुकवाया और बाबा नीम करोली बाबा को बाहर कर। बाबा वही किनारे आसन लगाकर चिमटा गाढ़कर बैठ गई। उन्होंने रेलगाड़ी को चलने का आदेश दिया लेकिन रेलगाड़ी नहीं चली बड़ी मस्कट के बाद जब रेलगाड़ी नहीं चली तो किसी एक यात्री ने बाबा को ट्रेन में बैठने का सुझाव दिया और रेल कर्मचारियों द्वारा रचना के बावजूद बाबा नीम करोली को विशेष कोच में बिठाया गया और तब जाकर वहां से रेल गाड़ी आगे बढ़ सकी। रेलवे ने वहां पर एक स्टेशन का निर्माण किया जिसका नाम बाबा लक्ष्मण दास पुरी स्टेशन रखा गया।

बाबा के द्वारा बारिश रोक देने की कहानी

एक समय की बात है जब हनुमानगढ़ी मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा था एक दिन जबरदस्त वर्ष प्रारंभ हो गई जो रुकने का नाम नहीं ले रही थी तभी बाबा जी अपनी कुटी से निकले और काली भारी घटनाओं को आकाश की तरह देखते हैं अपने भक्त से बोले पुरन यह बड़ी उग्र है बड़ी उग्र है। तभी महाराज जी ने ऊपर देखते हुए अपने दोनों हाथों से अपने विशाल वक्त से कंबल हटाते कुछ गर्जना के साथ बोले “पवन तने बल पवन समाना ” और देखते ही देखते तेज हवा चलने लगी और तेज हवा के साथ बारिश के बादल भी वहां से उड़ गए। तरीके से दोस्तों बाबा नीम करोली जी के द्वारा हनुमानगढ़ी मंदिर का निर्माण के समय बारिश को रोका गया था।

यह थे बाबा नीम करोली बाबा जी के प्रमुख चमत्कार ( Major miracles of Karoli Baba) जिनके बारे में पढ़कर आपको काफी अच्छा लगा होगा। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ भी जरूर साझा करें और उत्तराखंड से संबंधित ऐसे ही जानकारी युक्त देख पाने के लिए देवभूमि उत्तराखंड को जरूर फॉलो करें।

आप भी अपना लेख पाठकों तक पहुंचाना चाहते हैं तो आप अपना लेख हमें ईमेल एवं व्हाट्सएप के माध्यम से भी भेज सकते हैं।

यह भी पढ़ें –


Spread the love

Leave a Comment

You cannot copy content of this page

×

Hello!

Click one of our contacts below to chat on WhatsApp

× Chat with us