बाल मिठाई उत्तराखंड.

उत्तराखंड के प्रसिद्ध एवं स्वादिष्ट मिठाइयों में से एक है। न केवल उत्तराखंड के लोगों द्वारा बल्कि देश-विदेश से आए दर्शनार्थियों द्वारा भी बाल मिठाई का स्वाद के बारे में बेखुदी से सुना जा सकता है।

उत्तराखंड के लोकल उत्पादों को शिखर पर ले जाने वाली बाल मिठाई पूरे देश विदेश में प्रसिद्ध है चलिए एक नजर उत्तराखंड की बाल मिठाई ( Baal Mithaai Uttarakhand ) के ऊपर डालते हैं।

आयताकार चॉकलेट जैसी दिखने वाली यह बाल मिठाई चारों ओर से सफेद चीनी की छोटी-छोटी गोलियां लिपटी रहती है।

आविष्कार कब हुआ लेकिन लोकोकृतियों एवं लोग कहानियों के आधार पर मान्यता है कि 1865 से 1872 के बीच बाल मिठाई लोगों के सामने आई।

उत्तराखंड की संस्कृति में बाल मिठाई का योगदान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है बाल मिठाई के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति को अलग पहचान मिली है खास तौर पर उत्तराखंड के कुमाऊं प्रांत में जिला अल्मोड़ा में यह मिठाई काफी अधिक देखने को मिलती है।

विटामिन तत्वों से भरपूर बाल मिठाई न केवल दिखने में स्वादिष्ट होती है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभदायक मानी जाती है। इसलिए उत्तराखंड में पधारने वाला हर एक व्यक्ति बाल मिठाई का स्वाद एक न एक बार जरूर लेना चाहता है।

उत्तराखंड की बाल मिठाई ( Baal Mithaai Uttarakhand ) मांग गम धीरे-धीरे बढ़ रही है क्योंकि जिस तरीके से बाल मिठाई लोगों के सामने आ रही है हर कोई व्यक्ति इसका स्वाद लेना चाहता है

बाल मिठाई की मांग अधिक देखने को मिल रही है लेकिन उत्तराखंड के कुमाऊं प्रांत को बाल मिठाई का मुख्य उत्पादक क्षेत्र माना जाता है।

कुमाऊं प्रांत के अधिकांश लोग बाल मिठाई को रोजगार का आधार मानकर इसका उत्पादन करते हैं। खाने की बाल मिठाई बनाने वाले लोग इतने निर्गुण होते हैं कि सभी विषयों का अच्छे से ज्ञान होता है जिसके कारण वह बाल मिठाई को उत्तराखंड की प्रसिद्ध मिठाई बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।

बाल मिठाई उत्तराखंड

कुमाऊं प्रांत के अधिकांश लोग बाल मिठाई को रोजगार का आधार मानकर इसका उत्पादन करते हैं। खाने की बाल मिठाई बनाने वाले लोग इतने निर्गुण होते हैं कि सभी विषयों का अच्छे से ज्ञान होता है जिसके कारण वह बाल मिठाई को उत्तराखंड की प्रसिद्ध मिठाई बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।