कंगनी अनाज के बारे में

कंगनी उत्तराखंड की एक पारंपरिक फसल है। जिसे स्थानीय लोगों के माध्यम से कोणी के नाम से भी जाना जाता है।

कौंणी या कंगनी के फायदे

1- मोटे पन को कम करने में मदद करते हैं 2 - इस में पाए जाने वाला फाइबर मधुमेह के रोगियों के लिए लाभकारी माना जाता है। 3 - – इसका एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से लड़ने में सहायता करता है।

कंगनी क्या काम आती

कंगनी में तमाम प्रकार के पोस्टिक और विटामिन तत्व पाए जाते हैं जो मनुष्य के स्वास्थ्य को संतुलित रखने में अहम भूमिका निर्वाह करते हैं।

कंगनी कब बोई जाती है

भारत में कंगनी की बुवाई वर्षा के समय की जाती है। भारत के कई राज्यों में यह अनाज काफी मात्रा में उगाया जाता है।

कंगनी के चावल कैसे होते हैं

कंगनी के चावल या यूं कहे की कंगनी के माध्यम से प्राप्त होने वाला अनाज बारीक छोटे-छोटे दाने होते हैं। जोकि झंगोरा की तरह दिखाई देते हैं।