हेल्लो दोस्तो स्वागत है आपका हमारे आज के नए लेख में आज हम आप लोगों के साथ डोबरा चांटी पुल टिहरी गढ़वाल के बारे में बात करने वाले हैं। प्राकृतिक सौंदर्य का एक जगमगाता उदाहरण है। प्राकृतिक खूबसूरती और शानदार वातावरण शहरों से आने वाले लोगों को काफी लुभवाता हैं। डोबरा चांटी पुल ( Dobra Chanti Bridge Tehri Garhwal ) उन्हें आकर्षक चीजों में से एक है जिसे देखने के लिए उत्तराखंड के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं। और यह भारत का सबसे लंबा सिंगल लेन मोटरेबल पुल माना जाता है। देवभूमि उत्तराखंड के आज के इस लेख में हम आपको डोबरा चांटी पुल के बारे में जानकारी देने वाले हैं। दोस्तों की आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आएगा। इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना।
डोबरा चांटी पुल टिहरी गढ़वाल. Dobra Chanti Bridge Tehri Garhwal
उत्तराखंड का सबसे लंबा सिंगल लेन पुल माने जाने वाला डोबरा चांटी पुल ( Dobra Chanti Bridge Tehri Garhwal ) उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित है और यह पुल लगभग 725 मीटर लंबा है। आज के समय में न केवल व्यापार का साधन बना हुआ है बल्कि इसके माध्यम से लगभग हजारों लोग यात्रा के लिए आते हैं।
टिहरी बांध की टी- 2 सुरंग बंद होने से 2005 में पुरानी तेरी जलमग्न हो गई थी। सिमलासू, सिराई और कंडल पुल डूबने से झील के उसे पर बसे प्रताप नगर और अन्य सैकड़ो गांव में आगमन की सुविधा बंद हो गई थी। पहले जहां ऋषिकेश पहुंचने के लिए लगभग 215 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता था वह इस पुल के बन जाने से लगभग 90 किलोमीटर कम हो गया है। स्थानीय लोगों के दबाव के कारण 2006 की तत्कालीन सरकार ने डोबरा चांटी पुल के निर्माण के लिए प्रस्ताव पारित किया।
2015 में हरीश रावत की सरकार ने पुल निर्माण पूरा करने के यह इस प्रोजेक्ट को गोरी योजन कोरियाई इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन कंसल्टेंट कंपनी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी लेकिन समय तकनीकी व्यवधान आने के कारण कार्य पूरा नहीं हो पाया। 2020 में त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने यह पुल का निर्माण पूरा हुआ और 8 नवंबर 2020 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्कूल का उद्घाटन किया था इस पल को बनाने में लगभग अनुमानित अध्याय 3 अरब रुपए माना जाता है।
डोबरा चांटी पुल से होते हैं अनेक फायदे. Dobra Chanti bridge has many benefits
डोबरा चांटी पुल की निर्माण होने से लगभग ढाई लाख आबादी की मुसीबातें कम हो गई है। इस पुल के निर्माण से पहले जहां प्रताप नगर निवासियों को नई टिहरी जाने में लगभग 5 घंटे लगते थे अब इस फूल के निर्माण होने से यह दूरी घटकर केवल डेढ़ घंटे हो गई है।
इसके अलावा इस फूल के निर्माण होने से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की हालत में भी सुधार हुआ है। प्रताप नगर जाने के लिए लोगों को पीपल डाली और भोलन्याना रोड जैसे लंबे रास्ते से जाना पड़ता था। इस पुल के निर्माण होने से अब मात्र डेढ़ घंटे में ही सफल तय किया जाए सकता है।
डोबरा चांटी पुल की प्रमुख विशेषताएं. Key Features of Dobra Chanti Bridge
दोस्तों डोबरा चांटी पुल के बारे में बताया जाता है कि यह पुल गर्मियों के समय में फैलता है और सर्दियों में सिकुड़ जाता है। इसी प्रकृति के कारण डोबरा चांटी पुल भी गर्मियों के समय में 90 सेंटीमीटर तक दोनों कोनों से फैल जाता है और सर्दियों के समय में सिकुड़ जाता है। इस हलचल से इस पुल पर कोई भी असर नहीं पड़ता है क्योंकि इस हलचल से बचने के लिए पूरे सुरक्षा के उपाय भी तैयार किए हैं। स्कूल की दो दो तरफ लगे मॉड्यूलर एक्सपेंशन जॉइंट इसको सुरक्षित रखने के मकसद से लगाए गए हैं।
यह था हमारा आज का लेख जिसमें हमने आपको डोबरा चांटी पुल के बारे में जानकारी दी। आते हैं कि आपको डोबरा चांटी पुल ( Dobra Chanti Bridge Tehri Garhwal) के बारे में जानकर अच्छा लगा होगा। आपको यह लेख कैसा लगा हमें टिप्पणी के माध्यम से जरूर बताएं। उत्तराखंड से संबंधित ऐसे ही जानकारी युक्त लेख पाने के लिए देवभूमि उत्तराखंड को जरूर फॉलो करें।
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